NHM workers strike: एनएचएम कर्मचारी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। 29वां दिन जिले के सभी 380 कर्मचारियों ने इच्छामृत्यु की मांग की।
NHM workers strike: एनएचएम कर्मचारी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। 29वां दिन जिले के सभी 380 कर्मचारियों ने इच्छामृत्यु की मांग की। साथ ही नियमितीकरण लेकर रहेंगे सहित अन्य मांगों को लेकर आवाज बुलंद किया गया। कर्मचारियों का कहना है कि बातचीत का कई दौर चलने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है। साथ ही अब फिर से सभी कर्मचारियों को बर्खास्तगी करने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसे में आंदोलन अब उग्र होते जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा कर्मचारी 18 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। कई विभाग में ताले लटके हुए हैं। मरीजों की असमय जान भी जा रही है। इसके बावजूद सरकार सुन नहीं रही है। बल्कि दमनकारी नीति अपनाई जा रही है। इधर एनएचएम कर्मचारी अपने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शनर कर रहे हैं। जल सत्याग्रह, खून से सरकार को लेटर तक लिख चुके हैं।
वहीं सरकार एनएचएम कर्मियों की 5 मांगें पूरी करने आश्वासन भी दे चुकी है। लेकिन कर्मचारी लिखित में मांग रहे है। लेकिन बात नहीं बन पाई है। अब कर्मचारी आर-पार की लड़ाई पर उतर आए, ये कर्मचारी सोमवार धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पहुंचे। कई कर्मचारी अपने बच्चों के साथ पहुंचे। साथ ही सभी कर्मचारी इच्छामृत्यु की मांग राज्यपाल से की गई। जिला कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कार्तिक बघेल ने बताया कि इस बीच 25 से अधिक लीडर्स को सेवा से पृथक भी कर दिया गया है तथा फिर एक बार सभी को चेतावनी पत्र जारी कर कहा गया है कि वह हड़ताल समाप्त करें, अन्यथा उनकी भी बर्खास्तगी की जाएगी।
इधर सरकार का कहना है कि उसने पांच मांगे मान ली है, जबकि हड़ताली एनएचएम कर्मचारी उन पांच मांगों का आदेश मांग रहे हैं, जिसमें लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि भी शामिल है। शासन-प्रशासन द्वारा लगातार किए जा रहे दमन और उपेक्षा तथा कमेटी बनाकर काम अटकाने के षड्यंत्र के खिलाफ निराश हैं।
एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने बताया कि इसके लिए सोमवार को सभी 33 जिलों में धरना देने आए हुए कर्मचारियों ने इच्छा मृत्यु के पत्र पर हस्ताक्षर कर जमा करना शुरू कर दिया है। जिसको राज्यपाल को भेजा जाएगा। जब तक शासन लिखित आदेश में मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।