Crime News: सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम आगडीह में पारिवारिक विवाद के चलते बेटे ने अपने ही पिता की पत्थर से हत्या कर दी। गुस्से में किए गए इस खौफनाक वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया।
Crime News: सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम आगडीह में एक बेटे ने अपने ही पिता को पत्थर से मारकर मौत के घाट उतार दिया। पारिवारिक विवाद से उपजे गुस्से ने बेटे को इस हद तक पहुंचा दिया। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मृतक बंधु राम (उम्र लगभग 55 वर्ष) मेहनत मजदूरी कर जीवनयापन करता था। उसका बेटा दीपक राम (25 वर्ष) अक्सर कामकाज और जिम्मेदारी को लेकर पिता से उलझता रहता था।
घटना 17 सितंबर की रात करीब 11 बजे हुई। जानकारी के अनुसार उस रात भी दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। विवाद बढ़ा तो आरोपी दीपक ने गुस्से में आकर घर में रखा फर्श पत्थर उठाया और अपने पिता के सिर, नाक और कनपटी पर जोरदार वार कर दिया। गंभीर चोट लगने से बंधु राम वहीं ढेर हो गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सुबह जब मृतक का भाई रविशंकर राम खेत से लौटकर आया तो उसकी पत्नी ने बताया कि रात में फिर पिता-पुत्र में झगड़ा हुआ था और दीपक ने बंधु राम की हत्या कर दी।
Crime News: कुछ ही देर में गांव के लोग भी इकट्ठा हो गए और शव को गांव के एक घर के सामने पड़ा देखकर सनसनी फैल गई। देखते ही देखते पूरा आगडीह गांव घटना स्थल पर उमड़ पड़ा। गांव वालों ने कहा कि उन्होंने अक्सर पिता-पुत्र को झगड़ते सुना था, लेकिन ऐसी नौबत आ जाएगी, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। घटना की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। डॉक्टर की शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में सिर और कनपटी में लगी गंभीर चोट को ही मौत का कारण बताया गया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पत्थर को जब्त कर लिया।
पूछताछ में आरोपी दीपक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि उसके पिता उसे रोजाना काम न करने पर डांटते थे और बार-बार ताने देते थे। इसी बात से परेशान होकर उसने गुस्से में यह कदम उठा लिया। पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद आरोपी को बीएनएस की धारा 103(1) के तहत गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार तिवारी, एएसआई विपिन किशोर केरकेट्टा, एएसआई मनोज भगत, आरक्षक विनोद तिर्की और नगर सैनिक थानेश्वर देशमुख की महत्वपूर्ण भूमिका रही।