झालावाड़

झालावाड़ में बड़ा घोटाला: सरकारी खजाने को लगा करोड़ों का चूना, छापेमारी के दौरान 14 लग्जरी कारें, 52 लाख बरामद

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में पुलिस ने केंद्र और राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है।

2 min read
फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में पुलिस ने केंद्र और राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है। इस अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह ने फर्जी बैंक खातों और दस्तावेजों के जरिए सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का चूना लगाया।

झालावाड़ पुलिस ने 'ऑपरेशन शटर डाउन' के तहत इस घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना समेत 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर 70 पुलिस टीमों द्वारा गोपनीय तरीके से अंजाम दी गई।

ये भी पढ़ें

बिहार विधानसभा चुनाव: राजस्थान के ‘जादूगर’ ने सुलझाया महागठबंधन का पेंच, तेजस्वी यादव होंगे CM फेस

व्हिसल ब्लोअर की सूचना पर हुआ ऑपरेशन

दरअसल, झालावाड़ पुलिस को एक व्हिसल ब्लोअर से इस घोटाले की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में एक विशेष अभियान की योजना बनाई गई। इस ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा गया और इसके लिए जिला मुख्यालय में एक साइबर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया।

कंट्रोल रूम से पुलिस अधीक्षक ने 70 घंटे तक चले इस अभियान की निगरानी की। राजस्थान के झालावाड़, दौसा, जयपुर ग्रामीण और मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान हर टीम के साथ लाइव समन्वय बनाए रखा गया।

यहां देखें वीडियो-


11 हजार फर्जी खातों का खुलासा

पुलिस ने इस कार्रवाई में 11,000 से अधिक संदिग्ध बैंक खातों का पता लगाया, जिनके जरिए यह गिरोह सरकारी योजनाओं का पैसा हड़प रहा था। पीएम किसान सम्मान निधि, समाज कल्याण और मुआवजा योजनाओं जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। पात्र लाभार्थियों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर पैसा गलत व्यक्तियों तक पहुंचाया जा रहा था। इस गिरोह का दायरा झालावाड़ से लेकर जोधपुर, कोटा, बूंदी, दौसा और मध्य प्रदेश तक फैला हुआ था।

बरामद सामान और गिरफ्तारियां

पुलिस ने छापेमारी के दौरान 52.69 लाख रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन, 14 लग्जरी कारें, 16 अन्य वाहन, 35 लैपटॉप और कंप्यूटर, 70 मोबाइल फोन और कई डिजिटल डिवाइस बरामद किए। इसके अलावा सैकड़ों फर्जी बैंक दस्तावेज और पहचान पत्र भी जब्त किए गए। गिरोह का मास्टरमाइंड रामावतार सैनी सहित 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सबसे ज्यादा आरोपी झालावाड़ के हैं, जबकि कुछ दौसा, जयपुर ग्रामीण और मध्य प्रदेश के राजगढ़ से हैं।

विशेष जांच दल का गठन

मामले की गहराई से जांच के लिए झालावाड़ पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। साथ ही, वित्तीय लेन-देन का सिरा पकड़ने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सहयोग लिया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और सरकारी सिस्टम में सेंध लगाकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रहा था।

ऑपरेशन शटर डाउन की खासियत

'ऑपरेशन शटर डाउन' देश में अपनी तरह का पहला अभियान है, जिसमें सरकारी योजनाओं में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया गया। इस अभियान की सफलता के लिए पुलिस ने आधुनिक तकनीक और समन्वित रणनीति का इस्तेमाल किया। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि इस कार्रवाई से न केवल इस गिरोह का खात्मा हुआ, बल्कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकने के लिए एक मिसाल भी कायम हुई है।

ये भी पढ़ें

राजस्थान पुलिस में बड़ा फेरबदल: दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर बनाई गईं 2 नई पोस्ट; जानें क्या होगा इनका काम

Published on:
23 Oct 2025 05:51 pm
Also Read
View All

अगली खबर