Rajasthan : राजस्थान के इस जिले में नवाचार। 'ड्रैगन फ्रूट से कमाई होगी दोगुनी...'। किसान बना मिसाल। जानिए झुंझुनूं में कैसे शुरू हुई ड्रैगन फ्रूट की खेती।
Rajasthan : मरुधरा की भूमि में अब नई उम्मीदें अंकुरित हो रही हैं। देलसर खुर्द गांव के प्रगतिशील किसान धर्मवीर खींचड़ ने नवाचार कर खेतों में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। दो वर्ष पूर्व उन्होंने 125 पौधे लगाए। अब पौधे फल देने लगे हैं। राज्य के शुष्क वातावरण में यह प्रयोग कृषि नवाचार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। खेती में ड्रिप इरिगेशन पद्धति अपनाई गई। जिससे पानी की बचत के साथ पौधों को आवश्यक नमी मिलती रहती है। एक पोल के सहारे चार पौधे लगाए जा सकते हैं और 15 से 20 दिन में फल पक कर तैयार हो जाता है।
वर्तमान में शेखावाटी के बाजारों में ड्रैगन फ्रूट की मांग लगातार बढ़ रही है। झुंझुनूं, चूरू, सीकर समेत अन्य जिलों में 500 रुपए प्रति किलो तक ड्रैगन फ्रूट बिक रहा है। धर्मवीर खींचड़ ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व हरियाणा के करनाल भ्रमण के दौरान एक किसान को ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती करते देखा। वहां की खेती और बाजार मूल्य देखकर उसने अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए। उम्मीद है कि इसकी खेती से कमाई दोगुनी होगी।
प्रगतिशील किसान धर्मवीर को खेती में नवाचार पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली की ओर से 2022 में दिल्ली में नवोन्मेषी किसान अवार्ड, 2012-13 में ऑर्गेनिक खेती में बेहतर कार्य करने पर जिला स्तर, पंचायत समिति स्तर, ग्राम स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने अपने खेत में देसी गायों की डेयरी, वर्मी कंपोस्ट यूनिट, बायोगैस प्लांट लगा रखे हैं।
ड्रैगन फ्रूट बेहद लाभकारी होता है। यह फल एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन सी और आयरन से भरपूर होता है। कृषि विशेषज्ञ शीशराम खींचड़ के अनुसार ड्रैगन फ्रूट प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। संक्रमणों से बचाता है। यह फल पाचन तंत्र के लिए भी लाभदायक है। इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद फाइबर कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है। हृदय के लिए भी बेहतर है।