जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बिजली बिलों के बकाया और बढ़ते अदालती मामलों पर रोक लगाने के लिए अहम पहल की है।
जोधपुर। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेडीवीवीएनएल) ने बिजली बिलों की वसूली और अदालती मुकदमों से बचने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब अचल संपत्ति (मकान, दुकान, जमीन) की खरीद-बिक्री के समय बिजली विभाग से 'शून्य देयता प्रमाण पत्र' (नो ड्यूज सर्टिफिकेट) लेना अनिवार्य किया जा सकता है।
इस संबंध में जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक (एमडी) डॉ. भंवरलाल ने जोधपुर, पाली, सिरोही, फलोदी, बालोतरा, बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और चूरू सहित संबंधित जिला कलक्टरों को पत्र लिखा है।
एमडी डॉ. भंवरलाल ने बताया कि 14 नवंबर को हुई समीक्षा बैठक में अधीक्षण अभियंताओं ने यह गंभीर समस्या उठाई थी। अक्सर देखा गया है कि उपभोक्ता बिजली के भारी बकाया बिल जमा किए बिना ही अपनी संपत्ति बेच देते हैं। बाद में जब विभाग नए खरीदार से बकाया राशि की मांग करता है, तो वे संपत्ति खरीदने का हवाला देकर भुगतान से इनकार कर देते हैं।
ऐसे मामलों में जब विभाग बिल वसूली के लिए दबाव बनाता है, तो खरीदार न्यायालय की शरण ले लेते हैं। अधिकांश मामलों में अदालत नए खरीदार को पुराने बकाया से राहत दे देती है। इससे न केवल विभाग पर मुकदमों का बोझ बढ़ता है, बल्कि बकाया राशि की वसूली भी मुश्किल हो जाती है।
डिस्कॉम एमडी ने जिला कलक्टरों से आग्रह किया है कि वे अपने अधीन पंजीयन कार्यालयों को निर्देश दें। इसके तहत किसी भी स्थावर संपत्ति के विक्रय का पंजीयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि विक्रेता ने उस संपत्ति से संबंधित बिजली विभाग का पूरा बकाया चुका दिया है और नो ड्यूज सर्टिफिकेट संलग्न किया गया है। इस कदम से बिजली विभाग के राजस्व में वृद्धि होगी और अनावश्यक कानूनी विवादों से भी राहत मिलेगी।