राजस्थान पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर लागू किए गए बदलाव के तहत अब पुलिसकर्मियों को सिर्फ कानून और अनुशासन ही नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण, संवाद कौशल और धैर्य के साथ कार्य करने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी।
जोधपुर। राजस्थान पुलिस को और अधिक संवेदनशील, पेशेवर व जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (आरपीटीसी) जोधपुर में अब पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ‘व्यवहार’ नाम से एक विशेष अध्याय जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना और आमजन के साथ उनके रिश्तों को और मजबूत करना है।
राजस्थान पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर लागू किए गए इस बदलाव के तहत अब पुलिसकर्मियों को केवल कानून और अनुशासन ही नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण, संवाद कौशल और धैर्य के साथ कार्य करने की भी विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। आरपीटीसी के प्राचार्य अमित जैन ने बताया कि इस नए अध्याय में जवानों को नागरिकों से सम्मानजनक बातचीत, जनसंपर्क की बारीकियां, तनावपूर्ण परिस्थितियों में संयम बनाए रखने, पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता और संवैधानिक अधिकारों का सम्मान करना सिखाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि कानून के पालन के साथ-साथ नागरिकों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके साथ ही हाल ही में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, ताकि जवान वर्तमान कानूनी ढांचे को गहराई से समझ सकें और व्यवहारिक रूप से लागू कर सकें।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान पुलिस को आधुनिक, तकनीक-सक्षम और जनता के अधिक करीब लाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रशिक्षण प्रणाली की लगातार समीक्षा की जा रही है। आरपीटीसी जोधपुर में उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर और कांस्टेबल स्तर तक बेसिक व एडवांस्ड ट्रेनिंग दी जाती है। साइबर अपराध, वीआईपी सुरक्षा, कानून-व्यवस्था प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसे विषय पहले से ही प्रशिक्षण का हिस्सा हैं।
प्राचार्य अमित जैन के नेतृत्व में आरपीटीसी का आधुनिकीकरण तेजी से हो रहा है। हाल ही में संस्थान के बाहर नया साइन बोर्ड लगाया गया है, जो इसकी बदली हुई पहचान को दर्शाता है। 629 जवानों की हालिया पासिंग आउट परेड में पहली बार करीब 1400 परिजनों को आमंत्रित कर पुलिस और समाज के बीच भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत किया गया। जनवरी में लगभग 1500 नए जवानों का प्रशिक्षण बैच शुरू होगा। व्यवहार, संवेदनशीलता और आधुनिक प्रशिक्षण के समन्वय से आरपीटीसी जोधपुर राज्य में एक आदर्श प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उभर रहा है।