Chhath festival : उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, आराधना कर मांगी सुख-समृद्धि। उत्तर भारतीय समुदाय द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया की आराधना की गई।
Chhath festival : देशभर की तरह मध्य प्रदेश के कटनी में आस्था, विश्वास और पवित्रता के महापर्व छठ पूजा की धूम देखी जा रही है। शहरभर में उल्लासपूर्ण माहौल में आयोजन हुए। उत्तर भारतीय समुदाय द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया की आराधना की गई। शहर के प्रमुख घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।
भोर ही गायत्री नगर स्थित बाबाघाट, छपरवाह घाट मंगलनगर, कटायेघाट और बजरंगधाम कॉलोनी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर टोकरी लिए, फलों और प्रसाद से भरे सूप लेकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान वातावरण "छठी मैया के महिमा अपार", "केलवा के पात पे उगेलन सुरजम", "उठा सूरज भइले बिहान", "छठी मईया के दिहल ललनवा" जैसे भजनों और गीतों से गुंजायमान हो उठा।
छठ महापर्व पर महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर भगवान सूर्य और छठी मैया से संतान-सुख, परिवार की सुख-समृद्धि, पति की दीर्घायु और बच्चों की प्रगति की कामना की। घाटों पर व्रती महिलाओं के साथ परिवारजन और बच्चे भी मौजूद रहे। सभी ने पूजा-अर्चना में भाग लिया और छठी मैया से आशीर्वाद प्राप्त किया।
छठ पर्व पर सुरक्षा और व्यवस्था के दृष्टिकोण से नगर निगम, पुलिस और प्रशासनिक अमला घाटों पर मुस्तैद रहा। साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा हेतु विशेष इंतजाम किए गए थे। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
मंगलवार की सुबह व्रती महिलाएं पुनः घाटों पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य दीं और अपने चार दिवसीय व्रत का समापन किया। इसके साथ ही आस्था का यह महान पर्व पूर्ण हुआ, जो हर वर्ष की भांति इस बार भी श्रद्धा और भक्ति के चरम पर मनाया गया।