Mask Thieves Terror : तेवरी गांव में नकाबपोश चोरों का आतंक। 10 लाख की नकदी और जेवरात पर हाथ साफ, आधा दर्जन से अधिक घरों और दुकानों को बनाया निशाना। कानून व्यवस्था पर उठे सवाल। जांच में जुटी पुलिस।
Mask Thieves Terror :मध्य प्रदेश के कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले ग्राम तेवरी में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात नकाबपोश चोरों ने आतंक मचा दिया। आधी रात के बाद सक्रिय हुए इन अज्ञात बदमाशों ने एक के बाद एक कई दुकानों और घरों के ताले तोड़कर लाखों रुपए का माल पार कर लिया। गांव में हुई इस संगठित चोरी की घटना ने न सिर्फ स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है, बल्कि पुलिस की गश्त व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि, चोरों ने सबसे पहले गांव में रहने वाले मुकेश सेन के घर को निशाना बनाया। बदमाशों ने घर का मुख्य ताला तोड़कर वहां से लगभग 10 लाख रुपए से अधिक की नकदी और कीमती सोने-चांदी के जेवरात पर हाथ साफ कर दिया। चोरी इतनी सुनियोजित थी कि, घर में घुसे बिना किसी को भनक लगे, चोर सारा माल समेट ले गए।
इसके बाद चोरों ने अज्जू सोनी की सोने-चांदी की दुकान का ताला भी तोड़ा, लेकिन सौभाग्य से सोनी हर रोज दुकान का सारा कीमती माल घर ले जाते हैं, जिसके चलते चोरों को वहां से कुछ नहीं मिल सका। हालांकि, दुकान में तोड़फोड़ की गई और ताले को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त विमल चक्रवर्ती के घर समेत गांव की आधा दर्जन से अधिक दुकानों और मकानों को भी चोरों ने निशाना बनाने की कोशिश की। कुछ स्थानों पर ताले टूटे मिले, जबकि कुछ घरों के आसपास संदिग्ध गतिविधियों के निशान भी पुलिस को मिले हैं। घटना की जानकारी मिलते ही स्लीमनाबाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने चोरी की वारदातों की तस्दीक करते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय मुखबिरों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरु कर दी गई है।
तेवरी गांव में एक ही रात में इतनी बड़ी संख्या में चोरी की घटनाएं होने से ग्रामीणों में भारी दहशत है। लोगों का कहना है कि, गांव में रात्रि गश्त की व्यवस्था पूरी तरह लापरवाह है। उन्होंने पुलिस से गांव में रात के समय गश्त बढ़ाने, संदिग्ध लोगों की पहचान करने और चोरों को जल्द पकड़ने की मांग की है। गांव में लगातार हो रही आपराधिक गतिविधियों से लोग परेशान हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस संगठित चोरी की घटना का खुलासा कितनी जल्दी करती है और ग्रामीणों को राहत दिला पाती है या नहीं।