Kishor Kumar Khandwa: हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार के निधन को भले ही 38 साल हो गए है, लेकिन उनक प्रशंसकों की दिवानगी आज भी वैसी ही है। ऐसी ही कुछ दिवानगी किशोर कुमार की 38वीं पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर देखने को मिली। नागपुर से आए जोड़े ने किशोर दा को साक्षी मानकर एक दूसरे को वरमाला पहनाई।
Kishor Kumar Khandwa: हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार के निधन को भले ही 38 साल हो गए है, लेकिन उनक प्रशंसकों की दिवानगी आज भी वैसी ही है। भले ही किशोर दा के जीवनकाल में जन्म न हुआ, लेकिन युवा पीड़ी भी उनके गीत सुनकर उनकी दिवानी हो चुकी है। ऐसी ही कुछ दिवानगी किशोर कुमार की 38वीं पुण्यतिथि पर खंडवा में उनकी समाधि पर देखने को मिली। नागपुर से आए जोड़े ने किशोर दा को साक्षी मानकर एक दूसरे को वरमाला पहनाई।
13 अक्टूबर किशोर दा की पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर मेला लगा। सुबह से किशोर प्रशंसकों ने समाधि पहुंचकर दूध जलेबी का भोग लगाया। यहां किशोर सांस्कृतिक प्रेरणा मंच और नगर निगम द्वारा स्वराजंलि का आयोजन किया गया। जिसमें किशोर प्रशसंकों ने उनके गीत सुनाए। वहीं महाराष्ट्र से आए किशोरप्रेमी अविनाश सेकपुरे, पत्नी जानकी, मित्र मनीष और अश्विनी ने भी किशोर दा को श्रद्धांजलि दी। यहां मनीष और उसकी मित्र अश्विनी ने किशोर दा के सामने ही एक दूसरे को जीवन साथी बनाने का निर्णय करते हुए वरमाला की रस्म निभाई।
मनीष का कहना है कि हम दो वर्ष पहले दादा की समाधि पर आए थे। जिसके बाद मेरी जिंदगी अच्छे बदलाव देखने को मिले। हमने यह तय किया कि कुछ भी हो हम किशोर दा के सामने ही एक दूसरे को अपना जीवन साथी बनाकर नया जीवन शुरू करेंगे। अश्विनी ने बताया कि हम कलाकार है हम किशोर कुमार के गाने सुनते और उनके गीत गाते है। वहीं, गुजरात राजकोट से आए किशोर प्रशंसक द्वारकादास सोनी किशोर दा की समाधि को देखकर भावुक हो गए और समाधि से लिपट गए।