Kota Dussehra Mela 2025: कोटा दशहरा मेले में 215 फीट ऊंचे रावण के पुतले को खड़ा करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसे भारी-भरकम क्रेनों और सॉलिड सीमेंटेड फाउंडेशन की मदद से खड़ा किया जाएगा।
World's Tallest Ravan 2025: राष्ट्रीय मेला दशहरा 2025 में 2 अक्टूबर को मुहूर्तानुसार रावण दहन किया जाएगा। रावण का 215 फीट का पुतला बनकर तैयार है जो फिलहाल आराम की मुद्रा में है।
मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि रावण के विशालकाय पुतले को सोमवार को मौसम साफ रहने की स्थिति में खड़ा कर दिया जाएगा जिसके लिए 60-70 मजदूर काम करेंगे। वहीं 220 टन की 1 एवं 100 टन की 1 हाइड्रोलिक क्रेन काम में ली जाएगी। ये 65 मीटर और 25 मीटर लंबाई की होंगी।
रावण के पुतले को खड़ा करने के लिए 26 गुणा 24 का आरसीसी का सॉलिड फाउंडेशन तैयार है, जो 6 फीट गहराई का है। इसमें आठ रोड जैक वाली लगेगी। साथ ही आठ लोहे के रस्से से रावण को सपोर्ट दिया जाएगा। 8 नट की चूड़ियों से रावण खड़ा होगा। तीनों पुतलों के लिए पेडस्टल बनाकर तैयार किए गए हैं, जिन पर फिश प्लेट लगी हुई है। इन फिश प्लेट को जॉइंट किया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डबल बैरिकेडिंग की गई है।
कोटा का दशहरा मेला देशभर में प्रसिद्ध है। हर साल दशहरे ग्राउंड में रावण दहन से पहले महीनों की तैयारियां की जाती हैं। इस साल दुनिया का सबसे ऊंचा रावण है लेकिन पिछले साल भी 80 फीट का रावण का पुतला था और जो 65 फीट की ऊंचाई से गिर पड़ा था।
दिल्ली से आए कारीगरों ने कई दिनों की मेहनत से पुतला बनाया था लेकिन जैसे ही उसे क्रेन से खड़ा किया जा रहा था बारिश शुरू हो गई जिससे उसे रोककर क्रेन पर ही रोकना पड़ा। वजन अधिक होने और क्रेन की रस्सी टूटने के चलते पुतला धड़ाम से नीचे गिर गया और उसका पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। इस घटना से नगर निगम की टीम भी परेशान हो गई थी, लेकिन देर रात तक पुतले को ठीक कर फिर से खड़ा किया गया।
इस बार पुतले को खड़ा करने की जिम्मेदारी निर्माण करने वाले ठेकेदार को ही दी गई है। नगर निगम की इंजीनियरिंग टीम, अधीक्षण अभियंता महेश गोयल के नेतृत्व में, निगरानी के लिए मौजूद रहेगी। गोयल ने बताया कि मशीन, मजदूर और खड़े करने की जिम्मेदारी ठेकेदार पर है। मौसम की स्थिति अहम भूमिका निभाएगी — अगर मौसम साफ रहा, तो कार्य आसानी से हो जाएगा।
रावण के पुतले का निर्माण करने वाले अंबाला के तेजिंदर सिंह चौहान ने बताया कि इस बार के पुतले को बनाने में 4 महीने का समय लगा। इसके लिए 25 कारीगर लगातार जुटे रहे। निर्माण में 12 टन लोहे, 1500 बांस, 2 क्विंटल सुतली, 4000 मीटर वेलवेट, और 4000 मीटर कपड़ा लगाया गया है।
रावण का चेहरा फाइबर ग्लास से बना है, जो 25 फीट लंबा और तीन क्विंटल वजनी है। उसका मुकुट 60 फीट का है, जिसमें कलर एलईडी लाइट लगाई गई हैं। 50 फीट की तलवार, 40 फीट की जूतियां, और 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स से सुसज्जित यह रावण इस बार और भी भव्य नजर आएगा।