Rajasthan news: वार्डों के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर दी है। वार्ड परिसीमन में कोटा उत्तर और लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्डों की सीमा व क्षेत्र में व्यापक बदलाव किया गया है। कई वार्डों में तो 80 फीसदी क्षेत्र में बदलाव किया गया है।
Kota 100 Ward Delimitation Notification: राज्य सरकार ने कोटा नगर निगम के 100 वार्डों के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर दी है। नगर निगम चुनाव इसी परिसीमन के आधार पर होंगे। परिसीमन में निगम क्षेत्र का भूगोल बदलने के साथ ही राजनीतिक परिदृश्य भी बदल जाएगा। मौजूदा ज्यादातर पार्षदों को चुनाव लड़ने के लिए नए सिरे से सियासी जमीन तैयार करनी होगी।
जिला कलक्टर ने कोटा नगर निगम के वार्डों के गठन का प्रारूप आपत्तियों के बाद सरकार को भेज दिया था। वार्ड गठन के प्रारूप आदेश पर आपत्तियों पर विचार करने के बाद राज्य सरकार ने सहमति देते हुए प्रस्तावित वार्ड गठन के प्रारूप आदेश को अनुमोदित कर दिया है।
इसके साथ ही वार्डों के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर दी है। वार्ड परिसीमन में कोटा उत्तर और लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्डों की सीमा व क्षेत्र में व्यापक बदलाव किया गया है। कई वार्डों में तो 80 फीसदी क्षेत्र में बदलाव किया गया है। कोटा दक्षिण निगम के ज्यादातर वार्डों का क्षेत्र यथावत रखा गया है। वार्डों का सीमांकन 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया गया है। कैथून नगर पालिका क्षेत्र को तीन वार्ड में समेट दिया है। गौरतलब है कि वर्तमान में दो निगम है, अब एक निगम कर दिया है। चुनाव एक निगम के हिसाब से होंगे।
सबसे बड़ा वार्ड : परिसीमन की अधिसूचना के अनुसार 100 वार्ड में सबसे बड़े वार्ड 20 तथा 38 है। दोनों वार्डों की जनसंख्या 12990-12990 है। यह दोनों वार्ड कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। प्रस्तावों व आपत्तियों के वक्त सबसे बड़ा वार्ड-5 था, जिसकी जनसंख्या 29290 थी। यह वार्ड लाडपुरा विधानसभा में था।
सबसे छोटा वार्ड : परिसीमन अधिसूचना के अनुसार सबसे छोटा वार्ड 74 है। इसकी आबादी केवल 2,201 है। यह वार्ड भी कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र में आता है। पुराने कोटा का क्षेत्र इसमें शामिल है। आपत्तियों के वक्त जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा वार्ड 25 था। इसकी जनसंख्या 5100 है और यह कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में था।
निगम के नए वार्ड 1 में तीन गांव शामिल हैं। इसमें शम्भूपुरा, गिरधरपुरा तथा गोरधनपुरा गांव शामिल किए गए हैं।
चम्बल नदी के सहारे, लाला जी घाट का दांया भाग, चारखम्भा चौराहे के आसपास, लाल बाई के मंदिर होते हुए प्रताप चौक से सिन्धी गुरुद्वारा क्षेत्र, रामपुरा रोड पर रामपुरा कोतवाली थाने से बर्तन बाजार, बजाज खाना बाजार। भाटापाडा, मेहरापाडा, शिवदास घाट की गली, हरिजन बस्ती, छोटी समाध, बड़ी समाध, गंदी का चौक, महात्मा गांधी स्कूल, फतेहगढ़ी, पोस्ट ऑफिस, रामपुरा कार्यालय, गाड़ीखाना, भारतेन्दु समिति क्षेत्र आदि।
सीमाएं और क्षेत्र : पश्चिम दिशा में राजस्व ग्राम-गिरधरपुरा को छोड़कर नान्ता ग्राम की सीमा के सहारे चलते हुए बडगांव की राजस्व सीमा तक। बड़गांव तिराहे से दक्षिण दिशा की ओर पत्थर मंडी को शामिल करते हुए, चित्तौड़ रोड तक। थर्मल की अंतिम सीमा, खेल की मैदानी क्षेत्र और रेलवे ओवरब्रिज तक। मेनाल रेजिडेंसी, मां त्रिकूटा मंदिर, नान्ता ग्राम, बौर, दुर्गादास स्टेडियम, नान्ता रोड, पार्श्वनाथ मल्टीस्टोरी, नयाखेडा ग्राम, सम्पूर्ण ईदगाह,
वर्धमान कॉलोनी, ग्वालियों का मोहल्ला, कोली मोहल्ला, नारी निकेतन, शमशान, केशर बस्ती, ओड बस्ती, बेलियों की बस्ती, पत्थर मंडी, राम नगर, अभेड़ा महल, मोहनलाल सुखाड़िया, पावर ग्रिड स्टेशन, करणी माता मंदिर, बायोलॉजिकल पार्क, करणी नगर, बड़गांव, देवनगर, ज्ञान सरोवर कॉलोनी, श्रीनाथ रेजिडेंसी, हर्बल गार्डन, सिलिकॉन सिटी, गोकुल धाम, रेलवे ओवरब्रिज क्रॉसिंग से उत्तर दिशा की ओर नहर के किराने, श्री नागेश्वर महादेव मंदिर से पूर्व दिशा की ओर, समस्त बांए भाग को शामिल करते हुए एनएच 52 तक।
सीमाएं और क्षेत्र : उत्तर विधानसभा क्षेत्र के उत्तर-पूर्व दिशा में रंगपुर रोड, थर्मल रेलवे फाटक तक। रेलवे प्लेटफार्म नंबर 04 से उत्तर की ओर रेलवे लाइन पर चलकर ओवरब्रिज तक। रेलवे फाटक से दक्षिण-पूर्व दिशा में थर्मल रेलवे लाइन पर चलते हुए समस्त जे.पी. कॉलोनी को शामिल करते हुए ग्राम-सोगरिया की पश्चिम सीमा तक। सोगरिया वर्कशॉप रोड और नहर की पुलिया पर तेजाजी मंदिर तक।
पश्चिम दिशा में पुरोहित नगर को छोड़ते हुए प्लेटफार्म नंबर 04 तक। न्यू रेलवे कॉलोनी, सरस्वती कॉलोनी, टी.ए. कैंप, रेलवे अस्पताल, रेलवे वर्कशॉप ग्राउंड, तुल्लापुरा, आर.ई. टाईप रेलवे कॉलोनी, पुरानी रेलवे कॉलोनी, वर्कशॉप, जेपी कॉलोनी, उडिया बस्ती, हरिजन बस्ती, रेलवे प्लेटफार्म नंबर 04 के सामने का समस्त भाग, शिवाजी कॉलोनी, पुरोहित जी की टापरी, सुंदर नगर आदि शामिल है।
भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए वार्डों का अनुचित तरीके से परिसीमन किया है। इस संबंध में हमने आपत्तियां दर्ज करवाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई है। भाजपा के पास चुनाव में जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं है। इस कारण चुनाव टाल रहे हैं।
रविन्द्र त्यागी, शहर जिलाध्यक्ष कांग्रेस
कांग्रेस ने पिछली बार राजनीतिक फायदे के लिए दो निगम बनाए थे लेकिन संसाधन और स्टाफ नहीं लगाया। कांग्रेस शासन में लोग निगम में भटकते रहे। कांग्रेस ने जो गलतियां की, हमारी सरकार ने उनको दुरुस्त करने का काम किया है।
राकेश जैन, शहर जिलाध्यक्ष भाजपा