कोटा

TV Actor मौत मामला: दोनों बच्चों की आंखों से 8 लोगों को मिलेगी रोशनी, जाते-जाते भी दूसरों की अंधेरी जिंदगी में उजाला कर गए बाल कलाकार

TV Child Actor Died In Kota: संभावना है कि शौर्य और वीर से प्राप्त चार कॉर्निया से, न्यूनतम आठ लोगों को और अधिकतम 12 लोगों को रोशनी मिल सकती है।

2 min read
Sep 29, 2025

TV actor Veer Sharma And His Brother Pass Away: कोटा शहर में बड़ों के साथ अब बच्चों के भी नेत्रदान हो रहे हैं। दुख की घड़ी में भी परिजन खुद आगे बढ़कर नेत्रदान के लिए आगे आ रहे हैं। अनंतपुरा क्षेत्र की एक मल्टीस्टोरी में हादसे के शिकार हुए शौर्य और वीर के पिता जितेन्द्र शर्मा और मां रीता शर्मा ने नेत्रदान करवा मानवता का संदेश दिया।

विशेषज्ञों के अनुसार, सामान्यतः एक कॉर्निया में 5 परतें (एपिथीलियम,बोमन्स,स्ट्रोमा, डेसीमेट और एंडोथीलियम) होती हैं। इस तरह से एक व्यक्ति से प्राप्त दो आंखों (कॉर्निया) में 10 परतें होती हैं।

ये भी पढ़ें

टीवी एक्टर मौत मामला: बुझ गए दो चिराग…बार-बार बेटे को उठाती रही मां, कभी लिपटती-कभी बिलखती

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इन 10 परतों का अलग-अलग 10 ऐसे लोगों में प्रत्यारोपण किया जा सकता है जो की कॉर्निया अंधता से पीड़ित है। वर्तमान में भारत की चिकित्सा पद्धति में कम उम्र के एक कॉर्निया को न्यूनतम दो और अधिकतम तीन लोगों में प्रत्यारोपण किया जा रहा है। इस तरह से यह संभावना है कि शौर्य और वीर से प्राप्त चार कॉर्निया से, न्यूनतम आठ लोगों को और अधिकतम 12 लोगों को रोशनी मिल सकती है।

बच्चों में 9वां नेत्रदान

नेत्रदान अभियान चलाने वाली संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. कुलवंत गौड़ ने बताया कि पिछले 15 वर्षों में यह नौवीं बार है जब किसी बच्चे के माता-पिता ने दुख की घड़ी में नेत्रदान कराया है। आमतौर पर कम उम्र में बच्चों की मृत्यु पर माता-पिता भावुक होकर सहमति नहीं देते, लेकिन शर्मा परिवार ने साहसिक कदम उठाकर समाज को संदेश दिया है।

नेत्रदान जागरूकता से जुड़ी है मां रीता

वीर की मां रीता शर्मा फिल्म इंडस्ट्री में कई धारावाहिकों और फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। वे शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। लंबे समय से नेत्रदान जागरूकता से जुड़ी होने के कारण इस कठिन घड़ी में भी उन्होंने और उनके पति ने नेत्रदान का निर्णय लिया।

रात दो बजे हुआ नेत्र संकलन

शनिवार रात करीब 2 बजे दोनों बच्चों की मृत्यु की पुष्टि के तुरंत बाद पिता जितेंद्र शर्मा ने नेत्रदान के लिए सहमति दी। डॉ. गौड़ और टेक्निशियन टिंकू ओझा ने कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल की मोर्चरी में दोनों बेटों के नेत्र संकलित किए।

ये भी पढ़ें

Kota: अपार्टमेंट में लगी भीषण आग, दम घुटने से बाल कलाकार और उसके भाई की दर्दनाक मौत

Updated on:
29 Sept 2025 08:05 am
Published on:
29 Sept 2025 08:04 am
Also Read
View All

अगली खबर