
वीर शर्मा को उठातीं उनकी मां रीता (फोटो-पत्रिका)
कोटा। अनंतपुरा थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक मल्टीस्टोरी के फ्लैट में शनिवार देर रात लगी भीषण आग के बाद फैले धुएं में दम घुटने से बाल टीवी कलाकार वीर शर्मा (10) और उसके भाई शौर्य (15) की मौत हो गई। वीर ने टीवी सीरियल 'श्रीमद् रामायण' में भरत के बेटे का रोल निभाया था।
वीर 2 अक्टूबर को शूटिंग के लिए मुंबई जाने वाला था। पिता की इच्छा पर दोनों बच्चों का नेत्रदान करवाया गया। पोस्टमार्टम के बाद रविवार को जैसे ही दोनों भाइयों के शव घर अपार्टमेंट पहुंचे तो वहां मातम पसर गया। मां रीता शर्मा के विलाप और पिता जितेंद्र शर्मा के टूटे हुए शब्दों ने हर आंख को नम कर दिया।
मां रीता बच्चों के पार्थिव शरीर के पास बैठ गई और कांपती आवाज में बोली 'यहां क्यों लेटा है, उठ खड़ा हो।' बेटों की देह देख उनका धैर्य टूट गया। वह बार-बार उसे उठाने की कोशिश करती और कहती कि 'तू उठ क्यों नहीं रहा है?' परिजन किसी तरह मां को बच्चों के पास से हटाकर संभालने की कोशिश करते रहे, लेकिन मां का करुण क्रंदन सुन हर किसी का कलेजा मुंह को आ गया।
अंतिम संस्कार से पहले जब बड़ा बेटा शौर्य चश्मा लगाए बिना नजर आया तो मां ने कांपती आवाज में कहा 'तू तो कभी बिना चश्मे के नहीं रहता था, आज कैसे बिना चश्मे के है?' परिजन ने शौर्य की आंखों पर चश्मा पहनाया तो मां फूट-फूटकर रो पड़ी। इस दृश्य ने मुक्तिधाम में मौजूद हर व्यक्ति को शोक में डाल दिया।
पिता जितेंद्र शर्मा का दर्द भी किसी से कम नहीं था। वे बार-बार नम आंखों से मीडिया से कहते रहे 'आज तक मेरे बेटे इंटरव्यू देते थे, लेकिन आज मुझे उनकी मौत का इंटरव्यू देना पड़ रहा है।'
दीपश्री संग-संग ग्रीन अपार्टमेंट की चौथी मंजिल पर बने फ्लैट में जिस समय हादसा हुआ तब दोनों बच्चे घर पर अकेले सो रहे थे। फ्लैट साउंड प्रूफ होने के कारण बच्चों की गुहार भी पड़ोसी नहीं सुन पाए। बच्चे आग की चपेट में नहीं आए। चिकित्सकों के अनुसार, दोनों की मौत फ्लैट में जमा हुई कार्बन मोनो ऑक्साइड से दम घुटने से हुई है।
पिता जितेंद्र कोचिंग इंस्टीट्यूट में कैमेस्ट्री के सीनियर फैकल्टी हैं। वे नजदीक ही जागरण में गए थे। वहीं टीवी एक्ट्रेस मां रीता शूटिंग के सिलसिले में मुंबई गई हुई थीं। सिटी एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि फ्लैट का ड्रॉइंग रूम पूरी तरह जल गया। घर के अन्य हिस्से भी धुएं से काले हो गए।
जितेंद्र ने बताया कि दोनों बेटे डांडिया कार्यक्रम में गए थे। रात करीब 10.30 बजे वे घर लौट आए। मैं पास ही जागरण में था। दोनों बच्चे मेरे पास आए थे, लेकिन नींद आने की बात कहकर फ्लैट पर चले गए। करीब रात 11.30 बजे मैं भी फ्लैट पर गया और घंटी बजाई, लेकिन गेट नहीं खुला। मैं वापस जागरण में चला गया। इसके बाद रात करीब 12.30 बजे जानकारी मिली कि मेरे फ्लैट से धुआं निकल रहा है। तुरंत गेट बजाया, लेकिन जब वह नहीं खुला तो पड़ोसियों की मदद से गेट तोड़ा। अंदर धुआं भरा था। एक बेटा कमरे में और दूसरा बाथरूम में अचेत मिला। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
Published on:
29 Sept 2025 06:20 am
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