Mobile Tariff Hike: 2026 में फिर बढ़ेंगे दाम! Jio, Airtel और Vi यूजर्स को लग सकता है 20% तक का झटका। जानिए क्या कहती है मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट?
Mobile Tariff Hike: अगर आप सोच रहे थे कि मोबाइल रिचार्ज की कीमतें बढ़ने की खबरें बस अफवाह हैं और अभी राहत रहेगी, तो यह खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है। बाजार में लंबे समय से चर्चा थी कि दिसंबर 2025 में ही मोबाइल बिल का बम फूट सकता है, लेकिन अब तस्वीर थोड़ी साफ हुई है। झटका लगेगा, लेकिन थोड़ा रुककर।
ताजा रिपोर्ट्स बता रही हैं कि साल 2026 में आपकी जेब पर बोझ फिर बढ़ने वाला है। और यह बढ़ोतरी मामूली नहीं होगी सीधे 16 से 20 फीसदी तक दाम बढ़ सकते हैं।
दरअसल, मॉर्गन स्टैनली की एक नई रिपोर्ट ने टेलीकॉम सेक्टर में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) अगले साल अपने 4G और 5G प्लान्स महंगे करने की तैयारी में हैं। कंपनियां चाहती हैं कि उनकी कमाई (जिसे तकनीकी भाषा में ARPU या प्रति यूजर औसत कमाई कहते हैं) बढ़े।
सीधे शब्दों में कहें तो, जो प्लान आज आप इस्तेमाल कर रहे हैं, 2026 में उसके लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। कंपनियां अब सस्ते प्लान्स को खत्म करके या ओटीटी (OTT) जैसे फायदे केवल महंगे प्लान्स में देकर ग्राहकों को ज्यादा खर्च करने पर मजबूर कर सकती हैं।
अब सवाल उठता है कि जब दाम बढ़ेंगे, तो सबसे ज्यादा चांदी किसकी होगी - जियो या एयरटेल?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस रेस में भारती एयरटेल बाजी मार सकती है। इतिहास गवाह है कि जब भी कीमतें बढ़ी हैं, एयरटेल का मुनाफा और कमाई दूसरे ऑपरेटरों के मुकाबले बेहतर रही है। एयरटेल के पास ऐसे प्रीमियम ग्राहक ज्यादा हैं जो अच्छी सर्विस के लिए थोड़ा ज्यादा पैसा देने को तैयार रहते हैं।
वहीं, वोडाफोन आइडिया (Vi) की रणनीति बिल्कुल साफ पहले तुम, फिर हम वाली है। Vi के सीईओ अभिजीत किशोर ने भी संकेत दिए हैं कि वो पहले बड़े खिलाड़ियों (जियो और एयरटेल) का कदम देखेंगे, उसके बाद ही अपनी कीमतें बढ़ाएंगे।
कंपनियां बेवजह दाम नहीं बढ़ा रहीं, उनके अपने तर्क हैं। एयरटेल के वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल का कहना है कि भारत में डेटा और कॉलिंग की दरें पूरी दुनिया में सबसे कम हैं। उनका मानना है कि इंडस्ट्री को जिंदा रखने और 5G नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कमाई बढ़ाना बहुत जरूरी है।
इतिहास खुद को दोहरा रहा है यह कोई पहली बार नहीं है। अगर पिछले कुछ सालों पर नजर डालें, तो टेलीकॉम कंपनियों ने एक पैटर्न सेट कर दिया है।
| वर्ष | कीमतों/बिल में बढ़ोतरी |
|---|---|
| 2019 | 15% से 50% तक बढ़ोतरी |
| 2021 | 20% से 25% का इजाफा |
| 2024 | 10% से 20% तक बढ़ोतरी |
अब 2026 में भी यही कहानी दोहराई जाने वाली है। एक्सपर्ट्स पहले 15% बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे थे, लेकिन अब लग रहा है कि झटका इससे कहीं ज्यादा तेज (20% तक) हो सकता है।
इसका सीधा मतलब है कि आपको अपने मासिक बजट में मोबाइल खर्च के लिए थोड़ी और जगह बनानी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियां 2032 तक हर ग्राहक से औसत कमाई 370 से 390 रुपये तक ले जाना चाहती हैं। यानी, सस्ता डेटा अब बीते कल की बात होने वाला है।