US Army AI Robots: चीन की रोबोट आर्मी को टक्कर देने के लिए अमेरिका बना रहा बिना GPS वाले रोबोट। इस मिशन की कमान भारतीय प्रोफेसर Aniket Bera के पास है।
US Army AI Robots: भविष्य की जंग अब वैसी नहीं रहने वाली, जैसी अब तक देखी गई है। सरहदों पर सिर्फ इंसान और बंदूकें नहीं होंगी, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट्स भी मोर्चा संभालते नजर आएंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को एक कड़वा सच दिखा दिया जैसे ही GPS सिग्नल जाम होते हैं, सबसे एडवांस हथियार भी कई बार बेबस हो जाते हैं। इसी कमजोरी को दूर करने के लिए अब अमेरिका ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव शुरू कर दिया है।
अमेरिकी सेना, यानी US Army, ने इस दिशा में एक हाई-टेक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में अमेरिका की नामी रिसर्च यूनिवर्सिटी Purdue University भी शामिल है। मकसद साफ है ऐसे स्मार्ट रोबोट तैयार करना, जो घने जंगलों, पहाड़ों या उन इलाकों में भी काम कर सकें, जहां सैटेलाइट और GPS पूरी तरह जवाब दे देते हैं।
इस अहम प्रोजेक्ट की अगुवाई भारतीय मूल के वैज्ञानिक Aniket Bera कर रहे हैं। वह पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। अमेरिकी सेना ने उनकी रिसर्च लैब को करीब 1.5 मिलियन डॉलर (लगभग 12 करोड़ रुपये) की फंडिंग दी है। यह प्रोजेक्ट अगले पांच साल तक चलेगा और इसे भविष्य की जंग की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
यहां बात सिर्फ एक मशीन की नहीं है, बल्कि पूरी टीम की है। प्रोफेसर अनिकेत बेरा की टीम ऐसे रोबोट विकसित कर रही है, जिनमें लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) जैसी आधुनिक AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। आसान शब्दों में कहें तो इन रोबोट्स को हालात समझने और मौके पर फैसला लेने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
अमेरिका की इस तेजी को सिर्फ तकनीकी अपग्रेड नहीं माना जा रहा। इसे एक बड़े ग्लोबल टेक वॉर का हिस्सा समझा जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि China भी मिलिट्री रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन रोबोटिक डॉग्स और मानवरहित वाहनों की टेस्टिंग कर रहा है। हालांकि, इन्हें किसी बॉर्डर पर तैनात करने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अमेरिका कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता।
अगर यह प्रोजेक्ट अपने लक्ष्य में कामयाब रहा, तो आने वाले समय में युद्ध का तरीका पूरी तरह बदल सकता है। जहां आज सैनिकों की जान सबसे बड़ा जोखिम होती है, वहीं कल सबसे आगे ये स्मार्ट रोबोट खड़े नजर आ सकते हैं। यानी भविष्य की जंग में फैसले इंसानी बहादुरी के साथ-साथ AI की समझदारी पर भी निर्भर करेंगे।