Healthy Snacking Habits: हम सभी कभी‑कभी भूख न होते हुए भी सिर्फ मन की खुराक के लिए भी कुछ न कुछ खा लेते हैं। कभी चिप्स, कभी चॉकलेट। ये आदतें आपको तुरंत आराम तो देती हैं, लेकिन क्या ये सही हैं? आइए समझते हैं Munching और Stress Eating में अंतर।
Healthy Snacking Habits: काम के तनावपूर्ण समय में अपनी डेस्क से बंधे रहने वाले कॉर्पोरेट कर्मचारी अक्सर वजन बढ़ने की शिकायत करते हैं। तनाव और खान-पान की आदतें इस समस्या में काफी हद तक योगदान दे सकती हैं। ऑफिस की कुर्सी पर बैठे-बैठे आप मंचिंग कर रहे हैं या स्ट्रस ईटिंग? ये आदत कहीं आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक तो नहीं है? आइए जानते हैं।
Munching यानी हल्की‑फुल्की स्नैकिंग, जब आप भूख लगने पर संतुलित तरीके से खाते हैं। यह आमतौर पर स्वस्थ होती है और आपकी ऊर्जा बनाए रखती है। Stress Eating यानी तनाव या भावना के कारण खाना, न कि भूख के कारण। यह आदत अक्सर हानिकारक होती है और वजन बढ़ाने या स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है।
तनाव में खाना शरीर की एक शारीरिक प्रतिक्रिया है जो भोजन के माध्यम से आराम की तलाश करती है। तनाव कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि का कारण बनता है, जिससे मीठे, नमकीन और फैट युक्त खाद्य पदार्थों की तीव्र इच्छा होती है। आमतौर पर, व्यक्ति को कोर्टिसोल के बढ़े हुए स्तर को कम करने के लिए तले और नमकीन चिप्स, मिठाइयां और अन्य स्नैक्स खाने की इच्छा होती है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो गलत खान-पान की आदतें मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। मानसिक और भावनात्मक प्रतिक्रियाएं पोषक तत्वों से शक्ति प्राप्त करती हैं। जब शरीर को केवल जंक खाना मिलता है, तो मानव मस्तिष्क धुंधला हो जाता है और प्रतिक्रियात्मक व्यवहार और बेचैनी विकसित करता है।