Good Sleep Time : जानिए कितनी देर में नींद आना चाहिए और अगर सोने में देर लगती है तो क्या करना चाहिए। सरल टिप्स से बेहतर नींद पाने के उपाय और कारण समझें।
Good Sleep Time : आजकल की इस भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों को सुकून की नींद आना बहुत मुश्किल हो चुका है। लोग बिस्तर पर लेटने के बाद भी घंटों तक करवटें बदलते रह जाते हैं। लेकिन नींद नहीं आती। ये आपके सोने के तरीके में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि कितनी देर में नींद आना सही होता है।
सामान्य तौर पर माना जाता है कि किसी को बिस्तर पर लेटने के बाद लगभग 10 से 20 मिनट में नींद आ जानी चाहिए। अगर इससे ज्यादा समय लग रहा है, जैसे 30 मिनट से ऊपर, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके सोने का तरीका सही नहीं है या फिर तनाव, अनियमित दिनचर्या, अधिक कैफीन का सेवन, या मानसिक परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नींद जल्दी आने का मतलब है कि आपका शरीर और दिमाग पूरी तरह से आराम के लिए तैयार हैं। इसलिए रोजाना एक नियमित समय पर सोना, हल्का खाना खाना, और स्क्रीन टाइम कम करना जैसे उपाय आपकी नींद को बेहतर बना सकते हैं।
अगर आप रात में बार-बार उठकर टॉयलेट जाते हैं या लंबे समय तक जागते रहते हैं, तो ये नींद टूटने की निशानी है। कभी-कभी एक-दो बार उठना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर ये आदत बन जाए तो ध्यान दें।
अगर आपको बिस्तर पर लेटकर सोने में 30 मिनट से ज्यादा समय लग जाता है या आप लगातार करवटें बदलते रहते हैं, तो ये भी संकेत है कि आपकी नींद में परेशानी हो सकती है। हो सकता है आपको खुद एहसास न हो, लेकिन आपका पार्टनर बता सकता है।
दिनभर के तनाव, फ्यूचर की चिंता या काम की परेशानियां आपके दिमाग में चलती रहती हैं और ये सोने में अड़चन बन सकती हैं। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे नींद में परेशानी होती है।
अगर दिनभर आपको चिड़चिड़ापन, उदासी या चिंता बनी रहती है, तो ये भी खराब नींद का संकेत हो सकता है। नींद सही न होने से दिमाग के जरूरी हिस्से ठीक से काम नहीं करते, जिससे मूड पर असर पड़ता है।
अगर आपका ध्यान काम पर ठीक से नहीं लगता या छोटे-छोटे काम में भी परेशानी होती है, तो ये नींद न पूरी होने का संकेत है। सही नींद से ही दिमाग की शक्ति बनती है।
सुबह उठते समय भी आप खुद को थका-थका और सुस्त महसूस करते हैं? ये बताता है कि आपकी नींद अधूरी है। बार-बार थकान रहना बताता है कि नींद चक्र बिगड़ा हुआ है।
रोज एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं और सुबह उसी समय उठें। सुबह धूप में थोड़ा समय बिताएं ताकि शरीर को नैचरल लाइट मिले। बिस्तर का कमरा अंधेरा और ठंडा रखें। तनाव के कारणों को पहचानें और हल करने की कोशिश करें। सोने से पहले हल्की-फुल्की एक्टिविटी करें, जैसे मेडिटेशन। देर रात भारी खाना और कैफीन से बचें। दिनभर हल्की एक्सरसाइज करें।