Good News: आगरा-लखनऊ समेत यूपी के तीन एक्सप्रेसवे पर चार नए नियम लागू होंगे। इससे हादसों पर अंकुश लगेगा। यातायात निदेशालय ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके तहत तीनों एक्सप्रेसवे जीरो फैटलिटी जोन बनाए जाएंगे।
Good News: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात निदेशालय ने फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है। इसके तहत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर चार नए नियम लागू किए जाएंगे। अधिकारियों का दावा है कि इन नियमों के लागू होने से इन एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसों में कमी आएगी। इसकी शुरुआत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से होगी। इसके बाद यमुना और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की तर्ज पर सेव लाइफ फाउंडेशन और अन्य संस्थाओं की मदद ली जाएगी।
एडीजी यातायात बीडी पॉल्सन ने बताया कि तीनों एक्सप्रेसवे जीरो फैटलिटी जोन बनाया जाएगा। इस योजना को धरातल पर सही तरीके से लाने के लीए 4-ई का प्लान बनाया गया है। सभी एक्सप्रेसवे पर 4-ई यानी इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, इमरजेंसी सर्विस और एजूकेशन के जरिए हादसों को रोका जाएगा। इससे हादसों में होने वाली मौतों की संख्या में कमी आएगी।
एडीजी यातायात बीडी पॉल्सन ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर हादसे का शिकार हुए लोगों के लिए आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे में हर 50 किलोमीटर पर जीवन रक्षक उपकरणों वाली एंबुलेंस तैनात की जाएगी। इससे हादसे का शिकार हुए लोगों को तुरंत मदद मिल सकेगी। निर्देश है कि सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को एंबुलेंस की मदद से जल्द से जल्द नजदीकी ट्रामा सेंटर पहुंचाया जाए।
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे पर हादसे रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट को भी सुधारा जाएगा। दुर्घटना बाहुल्य स्थानों को भी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सुधारा जाएगा। उन्होंने बताया कि साल 2022 में यमुना एक्सप्रेसवे पर 303 हादसे हुए। जो 2023 में बढ़कर 378 हो गए। इसमें 89 लोगों ने जान गंवा दी। इसलिए नियमों का पालन न करने पर अब और सख्ती बरती जाएगी। उल्टी दिशा में गाड़ी चलाना, ओवर स्पीडिंग करना और ओवरलोडिंग पर जुर्माना लगेगा। हालांकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर जुर्माना वसूलने की व्यवस्था पहले से लागू है। जिसके बाद दुर्घटनाओं में करीब 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
यातायात निदेशालय के एडीजी ने बताया कि राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर 5800 खतरनाक चौराहों और तिराहों को चिह्नित किया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे में होने वाली 70 फीसदी मौतों की वजह गलत तरीके से बने चौराहे और तिराहे हैं। इसमें से दो-तिहाई हादसे नेशनल हाईवे से स्टेट हाईवे को जोड़ने वाले चौराहों और तिराहों पर होते हैं। यातायात निदेशालय ने जीपीएस लोकेशन के जरिए इन्हें चिह्नित कर थानावार बांटा है। ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी की मदद से इन सुधारा जा सके।
एडीजी यातायात बीडी पॉल्सन ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर कोहरे में चलने की गाइडलाइन नए सिरे से तैयार की जा रही है। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर पशुओं के आवागमन को रोका जाएगा। वाहन चालक की सुरक्षा के लिए भी कुछ निर्देश जारी किए गए हैं। उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा। इसके तहत चालक को हर 100 किमी पर को रुकने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही हर दो घंटे के सफर के बाद कैंटीन, वॉशरूम की सुविधा के उपयोग के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। गलत तरीके से वाहन चलाने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।