UP Government: लखनऊ में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विकास योजनाओं और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपराधों पर सख्ती से नियंत्रण किया जाए और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाया जाए। अतिक्रमण हटाने और आयुष्मान योजना के लाभार्थियों तक सुविधा पहुँचाने पर भी जोर दिया गया।
Lucknow Development Law And Order: उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने लखनऊ में दो महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की। पहली बैठक दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई, जिसमें जिला योजना और विकास कार्यों की समीक्षा की गई। दूसरी बैठक शाम 5 बजे योजना भवन में कानून व्यवस्था को लेकर हुई।
विकास कार्यों की समीक्षा: कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में मंत्री खन्ना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विकास योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को सुविधा पहुँचाने के लिए प्रत्येक वार्ड में विशेष कैंप आयोजित किए जाएं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रह जाए।
कानून व्यवस्था पर सख्त रुख: योजना भवन में आयोजित बैठक में मंत्री ने लखनऊ की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने लूट, डकैती, साइबर क्राइम और अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मंत्री खन्ना ने कहा कि पुलिस को 24 घंटे गश्त करनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ 100% कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार: मंत्री ने लखनऊ की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था और अतिक्रमण को लेकर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने पुलिस और नगर निगम को तत्काल संयुक्त रणनीति बनाकर सुधार के निर्देश दिए। सड़कों और गलियों में फैले बिजली के तारों को हटाने, अवैध दुकानों पर कार्रवाई करने और सभी प्रमुख चौराहों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के निर्देश दिए गए।
पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल: मंत्री खन्ना ने कृष्णा नगर थाने के इंस्पेक्टर की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर को जांच कमेटी गठित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि केवल असली अपराधियों को ही गिरफ्तार किया जाए और किसी भी निर्दोष को झूठे केस में न फंसाया जाए।
अपराधियों पर सख्त कार्रवाई: मंत्री ने निर्देश दिए कि जेल से छूटे और सक्रिय पेशेवर अपराधियों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर उन्हें जिला बदर किया जाए। कोर्ट में मजबूत पैरवी कर उन्हें सजा दिलाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आपराधिक घटना का खुलासा होने पर उसे पारदर्शी ढंग से मीडिया के सामने प्रस्तुत किया जाए, ताकि लोगों का पुलिस पर भरोसा बना रहे।