9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Rural Innovation: अब यूपी के सरकारी भवनों में क्यों होगा इस्तेमाल गोबर पेंट, जानिए खास वजह

Cow dung paint UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकारी भवनों में गोबर से बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल का निर्देश दिया है। पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने पेंट संयंत्रों की संख्या बढ़ाने और गौशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर बल दिया।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

May 05, 2025

गौ संरक्षण को आत्मनिर्भर बनाने की पहल; पशुपालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सीएम योगी ने दिए ठोस निर्देश

गौ संरक्षण को आत्मनिर्भर बनाने की पहल; पशुपालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सीएम योगी ने दिए ठोस निर्देश

UP Rural Innovation Yogi Adityanath scheme: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा और व्यावहारिक कदम उठाया है। उन्होंने राज्य के निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। यह फैसला पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसे मुख्यमंत्री स्वयं अध्यक्षता कर रहे थे।

यह भी पढ़ें: अब यूपी में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी, 'She Box' पोर्टल से होगी गोपनीय शिकायत दर्ज

‘गोबर से गौरव’ की ओर उत्तर प्रदेश का कदम

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी भवनों, पंचायत भवनों, विद्यालयों, ब्लॉक कार्यालयों और अन्य शासकीय परिसरों में पारंपरिक पेंट की जगह गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का उपयोग किया जाए। इससे एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर निराश्रित गोवंश के लिए स्थापित केंद्रों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “गो आधारित उत्पादों का व्यापक उपयोग केवल धार्मिक या सांस्कृतिक संदर्भ में नहीं, बल्कि पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।”

पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने पर बल

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने वाले संयंत्रों (प्लांट्स) की संख्या में तेजी से इजाफा किया जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने को भी कहा ताकि यह पहल जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू हो सके। वर्तमान में प्रदेश के कुछ जिलों में यह प्रयोग सीमित रूप से हो रहा है, परंतु अब इसे एक राज्यव्यापी मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: एलडीए से गायब हुई 24 भूखंडों की फाइलें: फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में बड़ा खुलासा, जांच में उड़े प्राधिकरण के होश

गांव, गौ, और गवर्नेंस का अनूठा संगम

सीएम योगी ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि “पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी है।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी कहा कि नवाचार, तकनीक और निवेश के साथ इस क्षेत्र में नई संभावनाओं की खोज की जाए, जिससे ग्रामीण जनजीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सके।

क्या है गोबर पेंट?

गोबर पेंट एक प्राकृतिक, जैविक और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है जिसे बिना किसी रासायनिक सामग्री के गोबर, चूना, और अन्य प्राकृतिक तत्वों से बनाया जाता है। इसमें VOC (Volatile Organic Compounds) न के बराबर होते हैं और यह न केवल सस्ता होता है बल्कि थर्मल इन्सुलेशन भी देता है। खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित यह पेंट धीरे-धीरे देश भर में लोकप्रिय हो रहा है। यह पेंट दीवारों को ठंडा रखता है, कीटनाशकों को दूर रखता है और इसकी लागत सामान्य पेंट से काफ़ी कम होती है।

यह भी पढ़ें: लखनऊ में बिस्कुट फैक्ट्री में भीषण आग, मालिक और कर्मचारी की दर्दनाक मौत, लापरवाही की खुली पोल

गौशालाओं के लिए सुनहरा अवसर

राज्य में संचालित गौशालाओं और निराश्रित गोवंश आश्रय केंद्रों के पास पहले से ही काफ़ी मात्रा में गोबर उपलब्ध होता है। सरकार के इस निर्णय से इन केंद्रों को गोबर को मूल्यवान उत्पाद में बदलकर आय का स्रोत मिलेगा, जिससे इनका संचालन भी सशक्त होगा और किसानों को नई संभावनाएं मिलेंगी।

महिलाओं को मिलेगा रोजगार

गांवों में महिलाओं के लिए यह पहल रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम बन सकती है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महिला स्वंय सहायता समूहों को गोबर पेंट निर्माण, पैकेजिंग और सप्लाई चेन से जोड़ा जाए, जिससे उन्हें नियमित आमदनी का स्रोत मिल सके।

सरकारी भवनों से होगी शुरुआत

इस योजना की शुरुआत राज्य के नवीन निर्माणाधीन पंचायत भवनों, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों, और ग्रामीण सचिवालयों से की जाएगी। यहां गोबर पेंट का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा। धीरे-धीरे इसे अन्य सार्वजनिक भवनों में भी लागू किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में सुनीं 60 से अधिक फरियादियों की समस्याएं

हर जिले में पायलट प्रोजेक्ट

पशुपालन विभाग की ओर से प्रत्येक जिले में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई जा रही है जहां स्थानीय स्तर पर पेंट तैयार किया जाएगा और उसका प्रयोग स्थानीय सरकारी परिसरों में किया जाएगा।