लखनऊ

किसी के देवी-देवता को बदनाम मत करो… मायावती ने लखनऊ रैली में बोला हमला, ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर दिया बड़ा बयान

Lucknow News: लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांशीराम स्थल पर आयोजित महारैली में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर कहा कि किसी को देवी-देवताओं या धर्म में दखल नहीं देना चाहिए।

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Oct 09, 2025
मायावती ने लखनऊ रैली में बोला हमला | Image Source - 'X' @IANS

Mayawati Lucknow Rally: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आहट के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल से अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस महारैली में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचे। मंच से मायावती ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को देवी-देवताओं को राजनीति में घसीटना नहीं चाहिए और ‘आई लव मोहम्मद’ जैसे विवादित नारों की आड़ में समाज को बांटने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

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कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर हुई भव्य महारैली

कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित इस रैली को बसपा ने संगठनात्मक शक्ति का प्रदर्शन बताया। मायावती ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम का मिशन समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त करना था, लेकिन आज कुछ लोग धर्म और जाति के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि अगर बीएसपी की सरकार बनानी है तो एकजुट रहना होगा और किसी भी तरह की भावनात्मक राजनीति के जाल में नहीं फंसना चाहिए।

“आई लव मोहम्मद” पर मायावती की दो टूक - धर्म में दखल न दें

बसपा सुप्रीमो ने ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर साफ कहा कि किसी को भी किसी धर्म या देवी-देवता का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधता भरे देश में सभी धर्मों का आदर किया जाना चाहिए। “धर्म को राजनीति से जोड़ना देशहित में नहीं है,” उन्होंने यह भी कहा कि नफरत फैलाने वालों से सावधान रहना होगा, क्योंकि ऐसे लोग समाज को तोड़ने का काम करते हैं।

ईवीएम सिस्टम पर भी उठाए सवाल

मायावती ने अपने संबोधन में चुनावी ईवीएम सिस्टम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर लगातार धांधली के आरोप लगते रहे हैं और अगर सही जांच हो तो यह सिस्टम खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें दलितों के वोट बांटने की कोशिश कर रही हैं और ऐसे स्वार्थी तत्वों से बचना जरूरी है।

सपा पर जमकर बरसीं

मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के दौरान बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज किया गया और कांशीराम का बार-बार अपमान किया गया। मायावती ने कहा कि अभी तक दलित समाज को पूरा आरक्षण नहीं मिल पाया है और इसके लिए राजनीतिक जागरूकता जरूरी है।

“आई लव मोहम्मद” मामला क्या है?

दरअसल, “आई लव मोहम्मद” विवाद की शुरुआत कानपुर से हुई थी, जब बारावफात के मौके पर मुस्लिम समुदाय ने यह बैनर लगाए थे। कुछ हिंदू संगठनों ने इन बैनरों को आपत्तिजनक बताया, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। बाद में यह विवाद अन्य राज्यों तक फैल गया और कई जगह एफआईआर भी दर्ज हुई।

मुस्लिम पक्ष का आरोप - प्यार जताने को अपराध बना दिया गया

मुस्लिम संगठनों का कहना है कि “आई लव मोहम्मद” नारा किसी प्रकार की सांप्रदायिक भावना से प्रेरित नहीं था, बल्कि पैगंबर मोहम्मद के प्रति सम्मान व्यक्त करने का तरीका था। उनका आरोप है कि इसे जानबूझकर विवाद का रूप दिया गया ताकि सांप्रदायिक तनाव फैलाया जा सके। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामला सिर्फ नारे का नहीं, बल्कि नियमों के उल्लंघन और धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने का भी है।

मायावती का सन्देश - धर्म से ऊपर उठकर सामाजिक एकता जरूरी

रैली के अंत में मायावती ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे धर्म, जाति और भावनाओं में बहने के बजाय सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि “बीएसपी की सरकार बनाना सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि बाबा साहेब और कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाना है।”

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