UP में बाढ़ का कहर जारी है, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ कटान भी तेज हो गया है। पिछले 24 घंटों में 11 नए गांवों का सम्पर्क कट चुका है, जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 12 लोगों की मौत हो गई है। प्रशासन द्वारा नदियों के पास बसे गांवों की आबादी को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य तेजी से जारी है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कटान की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। बीते 24 घंटों में 11 नए गांव बाढ़ के कारण बाहरी दुनिया से कट चुके हैं, जिससे बाढ़ से प्रभावित गांवों की संख्या अब 153 हो गई है। हालांकि, कुछ नदियों में जलस्तर स्थिर हो गया है, जिससे स्थिति में मामूली सुधार देखने को मिला है।
बाढ़ के कारण अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कांसगंज, गाजियाबाद, कन्नौज और मीरजापुर में एक-एक व्यक्ति की मौत डूबने से हुई है, जबकि चित्रकूट में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की जान चली गई। बांदा में अतिवृष्टि और सर्पदंश से पांच लोगों की मृत्यु हुई है। बदायूं में गंगा नदी का जलस्तर कचला ब्रिज पर और बलिया तथा अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बलिया में सरयू नदी को छोड़कर अन्य नदियों का जलस्तर स्थिर है।
प्रशासन द्वारा नदियों के पास स्थित गांवों की आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य लगातार जारी है। बाढ़ की चपेट में आए 12 जिलों की 16.40 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है, जिसमें 72,000 से अधिक लोग नए प्रभावित हैं।