लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र में बुधवार को एक छात्रा और उसके भाई पर बाइक सवार युवकों ने तेजाब फेंक दिया। यह घटना तब हुई जब वे नीट काउंसिलिंग के लिए जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को देर रात मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
Lucknow Acid Attack: लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र में बुधवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब चौक स्टेडियम के पास बाइक सवार युवकों ने एक छात्रा पर तेजाब फेंक दिया। यह घटना तब हुई जब छात्रा अपने मौसेरे भाई के साथ नीट काउंसिलिंग के लिए जा रही थी। बहन को बचाने के प्रयास में भाई भी झुलस गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया।
पिता की तहरीर पर मामला दर्ज
डीसीपी पश्चिम डा. दुर्गेश कुमार ने बताया कि सआदतगंज थाना क्षेत्र निवासी छात्रा के पिता व्यापार मंडल में पदाधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से चौपटिया निवासी अमन उनकी बेटी को परेशान कर रहा था और धमकियां दे रहा था। पिता की तहरीर पर चौक पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124(1), 78(1) के तहत मामला दर्ज किया है।
बुधवार को सुबह 8 बजे के करीब छात्रा अपने भाई के साथ नीट काउंसिलिंग के लिए जा रही थी, तभी डा. राम मनोहर लोहिया पार्क के पास चौक स्टेडियम के सामने बाइक सवार दो युवकों ने छात्रा पर तेजाब फेंक दिया। बहन को बचाने के प्रयास में भाई की पीठ भी झुलस गई। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा के चेहरे का एक हिस्सा झुलस गया है, जबकि उसके भाई की पीठ का कुछ हिस्सा प्रभावित हुआ है।
एसिड अटैक की घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर छात्रा और उसके भाई की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि एसिड अटैक से भाई-बहन बुरी तरह झुलस गए हैं। यूजर्स भी हमलावर पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। चौक प्रभारी निरीक्षक नागेश उपाध्याय ने बताया कि छात्रा के बयान और पीड़िता के पिता की नामजद तहरीर के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
एसिड अटैक में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र बुरी तरह जख्मी हो गया। वह अपनी 22 वर्षीय मौसेरी बहन को एसिड अटैक से बचाने में जख्मी हुआ। डॉक्टरों के अनुसार, एमबीबीएस छात्र दस प्रतिशत जला है, जबकि उसकी मौसेरी बहन, जो नेशनल पीजी कॉलेज से बीबीए ग्रेजुएट है, पांच प्रतिशत जली है। दोनों का इलाज प्लास्टिक सर्जरी विभाग में डॉ. रवि कुमार सिंह और प्रो. बृजेश मिश्रा की देख-रेख में चल रहा है। दोनों की हालत खतरे से बाहर है।
चौक क्षेत्र में बुधवार को हुए एसिड अटैक के मामले में देर रात चौक पुलिस ने आरोपी अभिषेक वर्मा को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मुठभेड़ में बदमाश को एक गोली पैर में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया है। मुठभेड़ के दौरान उसका साथी मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी की तलाश में गुलाला घाट पहुंचकर यह कार्रवाई की। इस घटना ने लखनऊ के लोगों को झकझोर कर रख दिया है और सभी आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एसिड अटैक करने के मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत विशेष धाराएं लागू होती हैं। ऐसे मामलों में कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान होता है। यहाँ पर विस्तार से बताया गया है कि एसिड अटैक करने वाले पर कौन सी धाराएं लगाई जाती हैं और कितने साल की सजा का प्रावधान है।
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प्रावधान:
सजा: 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और जुर्माना।
विवरण: इस धारा के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर एसिड या किसी अन्य संक्षारक पदार्थ का उपयोग करके गंभीर चोट पहुंचाई जाती है, जिससे उसकी शारीरिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, तो अपराधी को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है, जो कि आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, अपराधी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा, जिसे पीड़ित के इलाज और पुनर्वास के लिए उपयोग किया जाएगा।
प्रावधान:
सजा: 5 साल से 7 साल तक की सजा और जुर्माना।
विवरण: इस धारा के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर एसिड फेंकने का प्रयास किया जाता है लेकिन वह सफल नहीं हो पाता है, तो अपराधी को कम से कम 5 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।
प्रावधान:
सजा: 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा।
विवरण: यदि एसिड अटैक के प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि अपराधी की मंशा पीड़ित की हत्या करने की थी, तो इस धारा के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इस धारा के तहत सजा 10 साल से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है।
प्रावधान:
सजा: 3 साल तक की सजा, जुर्माना, या दोनों।
विवरण: यदि एसिड अटैक में संक्षारक पदार्थ का उपयोग खतरनाक हथियार के रूप में किया गया हो, तो यह धारा भी लागू हो सकती है।
प्रावधान:
सजा: 1 साल से 5 साल तक की सजा और जुर्माना।
विवरण: यदि एसिड अटैक का उद्देश्य महिला की लज्जा भंग करना है, तो यह धारा भी लागू हो सकती है। इसमें 1 साल से 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
प्रावधान:
सजा: 1 साल तक की सजा, जुर्माना, या दोनों।
विवरण: यदि एसिड अटैक के दौरान महिला की लज्जा का अपमान किया गया हो, तो यह धारा भी लागू हो सकती है।
जुर्माना और मुआवजा
धारा 326A और 326B के तहत लगाए गए जुर्माने की राशि का एक हिस्सा पीड़ित के इलाज और पुनर्वास में उपयोग किया जाएगा।
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प्रेम-प्रसंग में एसिड अटैक के मामलों में अपराधी पर गंभीर धाराएं लगाई जाती हैं और कठोर सजा का प्रावधान है। इन मामलों में अपराधियों को कम से कम 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए समाज को भी जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है, और पीड़ितों को न्याय दिलाने में सरकार और न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।