Excise Policy 2025 : उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया जारी है। आबकारी विभाग ने 12 मार्च 2025 तक चयनित आवंटियों को लाइसेंस फीस जमा करने का निर्देश दिया है। निर्धारित समय में दस्तावेज न देने पर आवंटन रद्द हो सकता है। ई-लॉटरी प्रणाली से पारदर्शी आवंटन सुनिश्चित किया जा रहा है।
UP Liquor License Online Application: उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति लागू की है, जिसके तहत देशी-विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में चयनित अंतिम आवंटियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी बेसिक लाइसेंस फीस या उसके जमा होने के प्रमाण संबंधित जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में 12 मार्च 2025 को शाम 4 बजे तक अनिवार्य रूप से जमा करें। निर्धारित समय में दस्तावेज न देने पर आवंटन रद्द हो सकता है।
नई आबकारी नीति के तहत ई-लॉटरी प्रणाली अपनाई गई है, जिससे लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। यह कदम भ्रष्टाचार को कम करने और योग्य आवेदकों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। 14 फरवरी 2025 से ई-लॉटरी के लिए पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें आवेदकों को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक था।
प्रदेश में अलग-अलग प्रकार की दुकानों के लिए कुल 471 लाइसेंस ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं, जिनमें 181 कंपोजिट दुकानें, 265 देशी शराब दुकानें, 12 मॉडल शॉप और 13 भांग दुकानें शामिल हैं। पहले चरण की लॉटरी 6 मार्च 2025 को आयोजित की गई थी। चयनित आवंटियों को 12 मार्च 2025 तक लाइसेंस फीस या चालान की प्रति संबंधित जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में जमा करनी होगी। निर्धारित समय में दस्तावेज़ न देने पर आवंटन रद्द हो सकता है।
नई नीति के तहत, लाइसेंस शुल्क और प्रोसेसिंग फीस को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो क्षेत्र और दुकान के प्रकार के अनुसार निर्धारित हैं। उदाहरण के लिए, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, और कानपुर के विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में देशी शराब की दुकान के लिए प्रोसेसिंग फीस ₹65,000 है, जबकि कंपोजिट दुकान के लिए ₹90,000 और मॉडल शॉप के लिए ₹1,00,000 है।
आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन करते समय सरकारी पोर्टल के सही यूआरएल का उपयोग करें और फर्जी वेबसाइटों से बचें। शुल्क का भुगतान केवल आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से करें। यदि कोई समस्या हो, तो आबकारी विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।