
Uttar Pradesh Excise Policy
Liquor Shop New Excise Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-लॉटरी प्रणाली लागू की है। इस प्रणाली के प्रथम चरण में चयनित अनंतिम आवंटियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी बेसिक लाइसेंस फीस या उसके जमा होने के प्रमाण संबंधित जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में 12 मार्च 2025 को सायं 04:00 बजे तक अनिवार्य रूप से जमा करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आवंटन प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो, आवंटियों को समयसीमा का पालन करना आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली को अपनाया है। इस प्रणाली के माध्यम से देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं। यह कदम भ्रष्टाचार को कम करने और योग्य आवेदकों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ई-लॉटरी के लिए पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया 14 फरवरी 2025 से शुरू हुई थी। आवेदकों को ऑनलाइन पोर्टल https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in/ पर पंजीकरण करना आवश्यक था। पंजीकरण और आवेदन दोनों की अंतिम तिथि 27 फरवरी 2025 को सायं 5:00 बजे तक निर्धारित की गई थी। इस प्रक्रिया में भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 21 वर्ष से अधिक है और जो अन्य किसी कारण से अनर्ह नहीं है, आवेदन कर सकता है।
ई-लॉटरी के प्रथम चरण में चयनित अनंतिम आवंटियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी बेसिक लाइसेंस फीस या लाइसेंस फीस जमा होने के प्रमाण को संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में 12 मार्च 2025 को सायं 04:00 बजे तक अनिवार्य रूप से जमा करें। प्रमाण के रूप में https://cms.upexciseonline.co पोर्टल पर जमा किए गए चालान अथवा उसकी प्रति को स्वीकार किया जाएगा। निर्धारित समयावधि में दस्तावेज जमा न करने की स्थिति में आवंटन निरस्त किया जा सकता है।
लाइसेंस शुल्क और प्रोसेसिंग फीस को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो क्षेत्र और दुकान के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, और कानपुर के विकास प्राधिकरण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में देशी शराब की दुकान के लिए प्रोसेसिंग फीस ₹65,000 निर्धारित की गई है, जबकि कंपोजिट दुकान के लिए यह ₹90,000 है। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में देशी शराब की दुकान के लिए प्रोसेसिंग फीस ₹40,000 और कंपोजिट दुकान के लिए ₹55,000 है।
उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की गई है। चयनित आवंटियों के लिए यह आवश्यक है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर लाइसेंस फीस जमा करें, ताकि आवंटन प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए। नई नीति के तहत उठाए गए कदम राज्य के राजस्व में वृद्धि और शराब की बिक्री को अधिक पारदर्शी बनाने में सहायक होंगे।
Published on:
10 Mar 2025 10:32 pm
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