लखनऊ

69 हजार शिक्षक भर्ती: लखनऊ में प्रदर्शन, पुलिस से झड़प, सरकार पर देरी का आरोप

Teacher Recruitment Protest: लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें जबरन हटाकर इको गार्डन भेज दिया। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति न मिलने पर अभ्यर्थी नाराज हैं और सुप्रीम कोर्ट में सरकार पर जानबूझकर देरी करने का आरोप लगा रहे हैं।

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Aug 19, 2025
सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले पर अभ्यर्थियों का आरोप – सरकार कर रही हीलाहवाली, जल्द नियुक्ति की मांग (फोटो सोर्स : Social Media/Whatsapp)

UP Teacher Recruitment Protest: 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया और बसों में बैठाकर इको गार्डन तक पहुँचा दिया। शाम को अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल से मिला, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही।

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अभ्यर्थियों ने लगाया आरोप -सरकार देरी कर रही

धरने का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने तीन महीने के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार इस मामले में लगातार देरी कर रही है। सरकार की ओर से उचित कार्रवाई न होने के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया। पटेल का आरोप है कि "सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार गंभीर नहीं दिख रही और हीला हवाली कर रही है।"

पुलिस से झड़प, जबरन उठाया गया धरना

सोमवार दोपहर अभ्यर्थी अचानक मंत्री के आवास पर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी बहस हुई। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने सभी को बसों में बैठाकर इको गार्डन मैदान में छोड़ दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक अपनी मांग रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने जबरन धरना समाप्त करवाया।

सरकार से वार्ता विफल

शाम को अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल से मुलाकात कर अपनी माँग रखी। उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया को तुरंत लागू करने की अपील की। हालांकि, दोनों अफसरों के साथ हुई चर्चा किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक स्पष्ट आदेश नहीं मिलेगा, वे आंदोलन जारी रखेंगे।

हाई कोर्ट का आदेश और सुप्रीम कोर्ट में मामला

69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला पिछले कई वर्षों से कानूनी दांव पेंच में उलझा हुआ है। लखनऊ हाई कोर्ट ने 13 अगस्त 2024 को आदेश दिया था कि आरक्षित वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों को तीन महीने के अंदर नियुक्ति दी जाए। इसके बावजूद सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी। अभ्यर्थियों का आरोप है कि कोर्ट में भी सरकार जानबूझकर सुनवाई टाल रही है।

अभ्यर्थियों का दर्द- “कैरियर दांव पर”

धरना स्थल पर मौजूद अभ्यर्थियों का कहना है कि वे कई वर्षों से भर्ती प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। कई उम्मीदवारों की उम्र सीमा पार हो चुकी है और आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है। "सरकार बार-बार केवल आश्वासन देती है, लेकिन नियुक्ति की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा," एक अभ्यर्थी ने कहा।

भर्ती विवाद

  • 69 हजार शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी।
  • सामान्य व आरक्षित वर्ग के बीच मेरिट और कट ऑफ को लेकर विवाद पैदा हुआ।
  • कई बार परिणाम व चयन सूची पर रोक लगी और न्यायालयों में चुनौती दी गई।
  • अब हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

अभ्यर्थियों की माँगें

  • सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई को तेजी से निपटाने के लिए सरकार पहल करे।
  • हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तीन महीने के भीतर नियुक्ति पत्र जारी किए जाएँ।
  • आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका हक तुरंत दिया जाए।
  • भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

प्रशासन अलर्ट पर, पुलिस बल तैनात

मंत्री आवास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। प्रदर्शन के दौरान कई थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि “अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी, इसलिए उन्हें हटाया गया।”

सरकार की चुप्पी पर सवाल

अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकार ईमानदारी से कोर्ट में पक्ष रखे तो मामला जल्द सुलझ सकता है। “हम कई बार मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री और अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही,” अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया।

आगे की रणनीति -आंदोलन जारी रहेगा

अमरेंद्र पटेल ने चेतावनी दी कि “अगर जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो हम लखनऊ ही नहीं पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेंगे।" उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई तक आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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