महासमुंद

Dhan Kharidi: धान की सुरक्षा करना समितियों के लिए बनी चुनौती, 154 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट क्रॉस

Dhan Kharidi: बेमौसम बारिश हुई तो धान की सुरक्षा करना समितियों के लिए चुनौती बन जाएगी। वैसे भी मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना जताई है।

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Dhan Kharidi: उपार्जन केंद्रों में धान की आवक बढ़ने के साथ ही समितियों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। क्योंकि, धान खरीदी के अनुरूप उठाव काफी धीमा है। बफर लिमिट वाले केंद्रों की स्थिति और भी खराब है। धान रखने के लिए जगह कम पड़ रही है।

Dhan Kharidi: कई केंद्रों में धान जाम होने पर खरीदी भी नहीं हो पा रही

जिले में अभी तक 50 लाख क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। 92 हजार 825 किसान अपनी उपज बेच चुके हैं। उठाव सिर्फ सात लाख क्विंटल ही हो पाया है। खरीदी के आंकड़ों पर नजर डालें तो लक्ष्य से करीब 45 फीसदी धान की खरीदी हो चुकी है। जबकि, उठाव 14 प्रतिशत ही हुआ है। 44 फीसदी किसान अभी धान लेकर केंद्रों में नहीं पहुंचे हैं। कई केंद्रों में धान जाम होने पर खरीदी भी नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं, अब बारदाने में कम पड़ने लगे हैं।

दरअसल, खरीदी प्रारंभ होने के बाद भी धान का उठाव काफी धीमी गति से हो रहा है। राइस मिलर भी हड़ताल पर थे। इससे भी समितियों की परेशानी बढ़ गई थी। वर्तमान में जिले के 182 उपार्जन केंद्रों में से 154 में बफर लिमिट से अधिक धान जाम है। समितियों को धान की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। इधर, मौसम में बदलाव हो रहा है।

धीरे-धीरे बढ़ रही धान की आवक

बेमौसम बारिश हुई तो धान की सुरक्षा करना समितियों के लिए चुनौती बन जाएगी। वैसे भी मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। जिला सहकारी बैंक नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने बताया कि जिले में 50 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। 92 हजार किसान धान बेच चुके हैं। धीरे-धीरे धान की आवक बढ़ रही है।

20 लाख क्विंटल का टीओ-डीओ जारी

Dhan Kharidi: जिला विपणन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के उपार्जन केंद्रों से अभी तक राइस मिलरों द्वारा साढ़े तीन लाख क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका है। इसी तरह संग्रहण केंद्रों के लिए तीन लाख 77 हजार क्विंटल धान का उठाव किया गया है।

इसके अलावा 11 लाख क्विंटल धान के लिए टीओ और 9 क्विंटल के लिए डीओ जारी किया गया है। जिले में कुल 175 राइस मिलर पंजीकृत हैं। पिछले साल करीब 197 मिलरों से अनुबंध हुआ था। हालांकि, राइस मिलरों की पंजीयन की प्रक्रिया जारी रहेगी। फिलहाल, धान का समय पर उठाव न होना बड़ी समस्या है।

Published on:
24 Dec 2024 04:42 pm
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