MP Teachers: मध्यप्रदेश में तीन संतान वाले शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी देकर पैसे मांगने के मामले पर शिक्षकों ने विरोध जताया। मंत्री ने स्पष्ट किया, नियम सेवा में लागू नहीं।
MP Teachers: मंडला के ग्राम टिकरवारा में ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिले भर से 150 से अधिक 3 संतान वाले शिक्षक शामिल हुए। बैठक में कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके (Sampatiya Uikey), टिकरवारा की सरपंच श्रद्धा उईके करवेती, एसोसिएशन पदाधिकारियों में प्रदेश अध्यक्ष डीके सिंगौर, जिलाध्यक्ष दिलीप मरावी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष नंदकिशोर कटारे, जिला मीडिया प्रभारी अभित गुप्ता मौजूद रहे।
बैठक में उन शिक्षकों के मामलों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई, जिनकी दो से अधिक जीवित संतानें हैं और उनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है। शिक्षकों ने बताया कि कुछ लोग उन्हें नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी देकर पैसे की मांग कर रहे हैं। इस पर, एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1961 और 1965 केवल सरकारी नौकरी में नियुक्ति पर लागू होता है, सेवा के दौरान नहीं। इसके साथ ही शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक और अध्यापक पद पंचायत सेवा के अंतर्गत आते हैं, जिन पर यह नियम लागू ही नहीं होता।
सभी शिक्षक टिकरवारा सरपंच श्रद्धा उईके और प्रदेश अध्यक्ष डीके सिंगौर के नेतृत्व में पीएचई मंत्री संपतिया उईके से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने जिला स्तर पर तीन संतान वाले शिक्षकों की जानकारी जुटाने और उसे उच्च कार्यालय भेजने का विरोध किया। शिक्षकों ने बताया कि नियम बनने के बाद उनसे कोई वचन पत्र नहीं लिया गया था, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं बनती है।
मंत्री ने इस संबंध में सीधे शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह (Uday Pratap Singh) से बात की, जिन्होंने बताया कि इस मामले में विभाग से कोई कार्रवाई का पत्र जारी नहीं हुआ है। कैबिनेट मंत्री संपतिया उईके ने सहायक आयुक्त वंदना गुप्ता से भी बात कर निर्देश दिए कि जब तक उच्च कार्यालय से स्पष्ट निर्देश न आएं, तब तक कोई कार्रवाई न करें। बैठक में प्रतिनियुक्ति वाले शिक्षकों और नैनपुर ब्लॉक के शिक्षकों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई।