मथुरा

मथुरा एक्सप्रेसवे हादसा: DNA जांच से हुई 9 शवों की पहचान, अपनों के अवशेष देख बिलख पड़े परिजन

Mathura Expressway Accident News : मथुरा में एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी।

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Dec 23, 2025
मथुरा एक्सप्रेस-वे हादसा : 9 शवों की डीएनए जांच से हुई पहचान, PC- VG

मथुरा :यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए उस भयावह सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसमें 19 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस त्रासदी के कई दिनों बाद अब DNA टेस्ट के जरिए मृतकों की पहचान की प्रक्रिया तेज हो गई है। घटना के 8 दिन के बाद अब तक 9 शवों का मिलान उनके परिजनों के डीएनए सैंपल से हो चुका है, जिससे उनकी पहचान की पुष्टि हो गई है।

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पोस्टमार्टम पर पसरा मातम, परिजनों का बुरा हाल

पहचान की पुष्टि होने के बाद मंगलवार को 4 शवों को लेने के लिए परिजन मथुरा स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जैसे ही अधिकारियों ने शिनाख्त की प्रक्रिया पूरी की, पोस्टमार्टम हाउस के बाहर चीख-पुकार मच गई। कई दिनों से अपने परिजनों की राह देख रहे रिश्तेदारों के लिए यह क्षण अत्यंत पीड़ादायक था। प्रशासन ने अब तक कुल 8 शवों को पूरी विधिक प्रक्रिया के बाद उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है, ताकि उनका अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक किया जा सके।

DNA सैंपल से सुलझ रही पहचान की गुत्थी

हादसा इतना भीषण था कि कई शव इस कदर जल चुके थे कि उनकी शिनाख्त सामान्य रूप से करना असंभव था। जिला प्रशासन ने इसके लिए परिजनों के रक्त के नमूने लेकर डीएनए जांच के लिए भेजे थे। 15 शवों के डीएनए सैंपल भेजे गए थे, जिनमें 9 शवों के डीएनए का मिलान सफल रहा है। अभी भी 6 शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। प्रशासन ने इन शवों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए दोबारा डीएनए सैंपल लैब भेजे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीमें पोस्टमार्टम हाउस पर मुस्तैद

मथुरा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें पोस्टमार्टम हाउस पर मुस्तैद हैं। सीएम के निर्देशानुसार, परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है और एम्बुलेंस के जरिए शवों को उनके पैतृक निवास तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक सभी 19 मृतकों की पहचान स्पष्ट नहीं हो जाती और उनके परिजनों को शव नहीं सौंप दिए जाते, तब तक यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

यह हादसा उन परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला जख्म बन गया है, जो आज भी अपनों की अंतिम विदाई के इंतजार में पोस्टमार्टम हाउस के चक्कर काट रहे हैं।

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Published on:
23 Dec 2025 02:33 pm
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