Moradabad News: यूपी के मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में 98.900 किलो गांजा बरामद हुआ, जिसकी कीमत करीब 45 लाख रुपये आंकी गई है।
4 smugglers from Delhi-Bengal arrested in Moradabad: मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर जीआरपी (Government Railway Police) और आरपीएफ (Railway Protection Force) की संयुक्त टीम ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 98 किलो 900 ग्राम गांजा बरामद किया है। इस मामले में पुलिस ने दिल्ली के तीन और पश्चिम बंगाल की एक युवती को गिरफ्तार किया है। बरामद गांजे की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 45 लाख रुपये बताई जा रही है।
यह कार्रवाई 25 जुलाई की रात उस समय हुई, जब जीआरपी और आरपीएफ की टीम रेलवे स्टेशन पर नियमित चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान चार संदिग्धों पर पुलिस की नजर पड़ी। शक होने पर जब उनके बैगों की तलाशी ली गई, तो पुलिस को होश उड़ गए सभी बैग गांजे से भरे थे। तत्काल चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने लाया गया और एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में तीन युवक दिल्ली के रहने वाले हैं - अजय कुमार (23 वर्ष), सोनू कुमार (22 वर्ष), कपिल चंद (22 वर्ष), वहीं चौथी आरोपी युवती का नाम आधूरी राय (20 वर्ष) है, जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के नवाकगांव की निवासी है। पुलिस के अनुसार ये सभी मुरादाबाद में गांजा सप्लाई करने के इरादे से रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे।
तलाशी के दौरान गांजे की मात्रा इस प्रकार पाई गई - अजय कुमार के दो बैगों से क्रमशः 18.600 किलो और 17.600 किलो गांजा बरामद हुआ। सोनू कुमार के पास से 21 किलो गांजा मिला। कपिल चंद के पास 20.900 किलो गांजा, एक मोबाइल फोन और 700 रुपये नकद बरामद हुए। आधूरी राय के बैग से 20.800 किलो गांजा और एक मोबाइल फोन मिला। पुलिस द्वारा जब्त किए गए गांजे की कुल मात्रा 98 किलो 900 ग्राम है, जो कि एक बड़ी खेप मानी जा रही है।
पुलिस पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि वे गांजा सस्ते दामों पर दूसरे राज्यों से खरीदते हैं और फिर मुरादाबाद में महंगे दामों पर नशे के आदी लोगों को बेचते हैं। इससे उन्हें मोटा मुनाफा होता है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य नेटवर्क की भी तलाश कर रही है।
चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब दिल्ली और पश्चिम बंगाल के संबंधित थानों से उनकी पुरानी आपराधिक गतिविधियों का रिकॉर्ड मंगा रही है। जीआरपी अधिकारियों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर नशे की तस्करी पर बड़ा अंकुश लगेगा।
रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों पर नशे का सामान पहुंचाना न केवल गंभीर अपराध है बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने के लिए भी खतरा है। जीआरपी और आरपीएफ का यह अभियान यह साबित करता है कि कानून की नजर हर कोने पर है और अपराधी बच नहीं सकते।