मुरादाबाद

एक घर से उठीं 5 अर्थियां, बच्चों और महिलाओं की चीख-चीत्कार से फटा लोगों का कलेजा, गांव में नहीं जले चूल्हे

UP News Today: उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से मुरादाबाद के मुड़िया जैन गांव का एक परिवार उजड़ गया। हादसे में एक ही घर से पांच अर्थियां उठीं, जिससे पूरे गांव में मातम पसर गया।

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एक घर से उठीं 5 अर्थियां! Image Source 'X' @ArunAzadchahal

UP News Today In Hindi: उत्तराखंड के देहरादून जिले में 16 सितंबर की सुबह करीब 5 बजे बादल फटने से टोंस नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। तेज बहाव में मजदूरों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई। इस दर्दनाक हादसे में मुरादाबाद के 12 और संभल के 2 मजदूर नदी में समा गए, जबकि 2 लोग घायल हो गए। SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक सात लोगों के शव बरामद हो चुके हैं और बाकी की तलाश जारी है।

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मुरादाबाद के गांव में पसरा मातम

मुरादाबाद जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर बसे मुड़िया जैन गांव का माहौल बुधवार सुबह बेहद गमगीन था। यहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों की लाशें पहुंचीं तो पूरे गांव में मातम पसर गया। हालात ऐसे थे कि कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। हर ओर से सिसकियों और चीख-पुकार की आवाजें आ रही थीं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहले कभी इतना भयावह दृश्य नहीं देखा।

हरचरन सिंह का उजड़ गया परिवार

गांव के हरचरन सिंह पिछले 20 साल से बजरफुट की छनाई का काम करते थे। उनकी बेटी कविता ने बताया कि रक्षाबंधन के बाद उनके पिता, मां सोमवती, भाई होराम और बहू रीना काम पर वापस देहरादून गए थे। परिवार वहीं किराए पर रहता था और मजदूरी कर जीवनयापन करता था। लेकिन 16 सितंबर की सुबह आए इस कहर ने पूरे परिवार को निगल लिया। एक झटके में उनके पिता, मां, भाई और भाभी की मौत हो गई।

बेटी का दर्द - सोचा नहीं था ऐसी आफत टूट पड़ेगी

हरचरन की बेटी कविता ने रोते हुए कहा कि हमने कभी सोचा नहीं था कि हमारे परिवार पर ऐसी आफत टूट पड़ेगी। पापा हमेशा कहते थे कि मेहनत से सब कुछ सुधर जाएगा, लेकिन अब तो पूरा घर उजड़ गया। उनकी बात सुनकर आसपास खड़े लोग भी रो पड़े।

सीएम योगी ने किया मदद का ऐलान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मृतकों के शवों को उनके पैतृक गांव तक पहुंचाने और अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था प्रशासन की ओर से कराई जाए।

Updated on:
17 Sept 2025 07:21 pm
Published on:
17 Sept 2025 07:11 pm
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