Maharashtra Civic Elections: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के भीतर दरार गहरी हो रही है और आने वाले निकाय चुनावों में यह राजनीतिक समीकरण पर बड़ा असर डाल सकती है।
महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा नीत महायुति के भीतर खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। खास तौर पर भाजपा और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के बीच कई जिलों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर और नासिक समेत कई जगहों में दोनों दल अब ‘फ्रेंडली फाइट’ यानी अपने दम पर चुनाव लड़ने की योजना बनाने लगे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई जगह भाजपा नेताओं से मतभेद और अंतर्विरोध के चलते शिंदे गुट में नाराजगी बढ़ रही है। ठाणे नगर निगम में भाजपा नेता गणेश नाईक और संजय केलकर ने बिना गठबंधन के लड़ने की बात कही, जिसके बाद शिंदे सेना ने भी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। नवी मुंबई में भी दोनों दलों के बीच संबंध ठीक नहीं है। मीरा भयंदर नगर निगम के चुनाव में भी भाजपा और शिवसेना अकेले उतर सकती है।
कल्याण-डोंबिवली में विधायक गणपत गायकवाड़ से जुड़े गोलीकांड के बाद से ही दोनों दलों के रिश्तों में खटास कायम है। उल्हासनगर नगर निगम में शिवसेना की सत्ता है, लेकिन भाजपा विधायक कुमार आयलानी ने आयुक्त के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। बदलापुर नगर निगम में भाजपा के किसन कथोरे और शिंदे सेना के वामन म्हात्रे के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। सांगली में वैभव पाटिल के भाजपा में जाने से शिवसेना से संबंध खराब हो गए हैं।
वहीं, नासिक में एनसीपी (अजित पवार) नेता व मंत्री छगन भुजबल और विधायक सुहास कांदे के बीच वाद-विवाद ने स्थिति और पेचीदा बना दी है। सातारा में भी शिंदे गुट के नेता व मंत्री शंभूराज देसाई के खिलाफ लड़ने वाले सत्यजीत पाटनकर के भाजपा में शामिल होने से शिंदे गुट में नाराजगी की खबर है। रायगढ़ में स्नेहल जगताप के एनसीपी में आ जाने से शिंदे सेना से तनाव बढ़ गया है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि जिला स्तर पर समीक्षा बैठकों के बाद ही गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा था कि आगामी निकाय चुनावों के लिए जहां भी संभव हो गठबंधन करें और जहां यह संभव न हो, वहां दोस्ताना मुकाबला सुनिश्चित करें।
इसी महीने मुंबई में समीक्षा बैठक के दौरान कोंकण क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं से फडणवीस ने कहा, ‘‘अगर गठबंधन नहीं भी होता है, तो सहयोगी दलों के उम्मीदवारों की कोई तीखी आलोचना नहीं होनी चाहिए।’’
फिलहाल, यह साफ दिख रहा है कि महाराष्ट्र में महायुति के भीतर दरार गहरी हो रही है और आने वाले निकाय चुनावों में यह राजनीतिक समीकरण पर बड़ा असर डाल सकती है। भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत एनसीपी शामिल हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में बीएमसी समेत 29 नगर निगमों, 247 नगर परिषदों, 147 नगर पंचायतों में से 42, 34 जिला परिषदों में से 32 और 351 पंचायत समितियों में से 336 के लिए चुनाव चंद महीनों में होने हैं।