
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और CM फडणवीस (Photo: IANS)
महाराष्ट्र में अगले तीन महीनों में होने वाले निकाय चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने अधिक से अधिक स्थानीय निकायों पर कब्जा जमाने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत राज्य भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने मंगलवार को भाजपा के मंत्रियों के साथ एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें उन्हें साफ तौर पर चेताया कि निकाय चुनावों के नतीजों के आधार पर उनके काम और नेता के रूप में उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। मंत्रियों को बताया गया कि वे पार्टी नेतृत्व की निगरानी में हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस बैठक में भाजपा के 17 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्री शामिल थे। बैठक में भाजपा के संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव शिव प्रकाश भी मौजूद थे। चर्चा के लिए मंत्रियों को चार-चार के समूह में बुलाया गया और उनके जिलों में पार्टी की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में मंत्रियों से कहा गया कि वे मतदाताओं तक प्रभावी पहुंच बनाएं। जिससे आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित हो सके।
बताया जा रहा है कि चव्हाण ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अपने जिलों में बुनियादी सुविधाओं और विकास के लिए पर्याप्त सरकारी निधि सुनिश्चित करें। जिन मंत्रियों पर फंड वितरण को लेकर शिकायतें आई थीं, उन्हें अपनी कार्यशैली सुधारने को कहा गया है। साथ ही सभी को अपने क्षेत्रों में अधिक समय देने और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए जमीन पर उतरने के निर्देश दिए है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कुछ नेताओं ने सुझाव दिया था कि भाजपा को स्थानीय चुनावों में अपने सहयोगियों के साथ नहीं बल्कि अपने दम पर अकेले मैदान में उतरना चाहिए। इस पर चव्हाण ने मंत्रियों से कहा कि अगर पार्टी ऐसा निर्णय लेती है तो पहले से रणनीति तैयार रखें और सहयोगी दलों के साथ किसी तरह का मतभेद न होने दें।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में आंतरिक गुटबाजी खत्म करनी होगी, क्योंकि इससे पार्टी का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता हैं। बैठक में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया। इसके साथ ही भाजपा नेताओं और आरएसएस के बीच बेहतर समन्वय पर भी चर्चा हुई।
इस दौरान चव्हाण ने नाखुशी जताया कि कुछ जिलों में कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने शिकायत की है कि उन्हें भाजपा मंत्रियों के विभागों से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि हर संरक्षक मंत्री की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने जिले में पार्टी की जीत सुनिश्चित करें और सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलें।
बता दें कि महाराष्ट्र में बीएमसी समेत 29 नगर निगमों, 247 नगर परिषदों, 147 नगर पंचायतों में से 42, 34 जिला परिषदों में से 32 और 351 पंचायत समितियों में से 336 के लिए चुनाव चंद महीनों में होने हैं।
Updated on:
17 Oct 2025 06:32 pm
Published on:
17 Oct 2025 05:58 pm
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