फोन डेटा से खुलासा हुआ है कि 26 जनवरी को हमले की योजना थी, लेकिन सुरक्षा बढ़ने से प्लान हमलावरों ने बदल दिया।
दिल्ली विस्फोट मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मुख्य संदिग्ध मुजम्मिल ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने और उमर नबी ने लाल किले के पास धमाका करने से पहले इलाके की रेकी की थी।
सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी ने बताया कि दिल्ली ब्लास्ट मामले को लेकर मुजम्मिल से सख्ती से पूछताछ की गई है। इस दौरान, उसके फोन के डेटा से जो जानकारी मिली है, उन्हें उसके सामने पेश किया गया।
पूछताछ के दौरान, मुजम्मिल ने बताया कि अगले साल 26 जनवरी को हमला करने की योजना थी। उसी के तहत लाल किले के आसपास के इलाके की रेकी की गई थी।
मुजम्मिल ने पुलिस को यह भी बताया कि इस दिवाली पर किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर वह हमला करने वाले थे, इसकी प्लानिंग हो गई थी। लेकिन यह योजना कामयाब नहीं हो सकी।
पुलिस के हवाले से एनडीटीवी ने यह खुलासा किया है कि हमला 2005 की तरह होने वाला था। तब दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस के दिन 29 अक्टूबर को दिल्ली में तीन बड़े धमाके हुए थे। इन धमाकों में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे।
ये हमले दिल्ली के व्यस्त बाजारों - पहाड़गंज, सरोजिनी नगर और गोविंदपुरी में हुए थे। तब भारी संख्या में लोग धनतेरस के दिन बाजार में खरीदारी करने निकले थे।
इन तीन धमाकों से दिल्ली दहल गई थी। सबसे पहले 29 अक्टूबर को शाम 5:38 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पहाड़गंज बाजार में विस्फोट हुआ। जहां लगभग 18 मौतें हुईं।
इसके बाद शाम 6:00 बजे गोविंदपुरी में एक विस्फोट हुआ। जिसमें किसी की मौत नहीं हुई थी। धमाका बस में हुआ था, इस वजह से काफी हद तक क्षति कम हुई थी। फिर, शाम 6:05 बजे सरोजिनी नगर में धमाका हुआ, जहां 43 लोगों की जान चली गई।
लश्कर-ए-तैयबा ने इस घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी। धमाकों के बाद पुलिस ने श्रीनगर से तीन संदिग्धों को पकड़ा था। उसमें तारिक अहमद डार, मोहम्मद फाजिली और मोहम्मद रफीक शाह शामिल थे।