Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन ने आम आदमी पार्टी ज्वॉइन कर ली है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुमेश शौकीन को आप की सदस्यता दिलाई।
Delhi Politics: दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Election) से पहले दल-बदल की राजनीति शुरू हो गई है। नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन (Sumesh Shokeen) ने आम आदमी पार्टी ज्वॉइन कर ली है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सुमेश शौकीन को आप की सदस्यता दिलाई। आप में शामिल होने के बाद सुमेश शौकीन ने कहा कि दिल्ली देहात में तमाम विकास के काम आम आदमी पार्टी ने कराए हैं। आज से मैं अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर दिल्ली के विकास के लिए काम करूंगा। वहीं सुमेश शौकीन ने शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित को यह भी नहीं पता था कि दिल्ली में खेती भी होती है।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुमेश शौकीन की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली देहात से आने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन ने आप की सदस्यता ग्रहण की है। वह दिल्ली के बहुत बड़े नेता हैं और आज हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। मैं उनका स्वागत करता हूं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा आज दिल्ली देहात और कांग्रेस के बड़े नेता सुमेश शौक़ीन जी आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। हमसे पहले की जो सरकार थी, उन्हें यह भी नहीं मालूम था कि दिल्ली में देहात क्षेत्र भी है और यहां किसान भी रहते हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। हमारी सरकार आने के बाद से देहात इलाक़ों में विकास का सिलसिला शुरू हुआ। इन इलाक़ों में बिजली-पानी, सीवर का काम कराया गया। मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनवाये गये। सुमेश शौक़ीन जी के जुड़ने से अब देहात इलाक़ों का विकास और भी तेज़ी से होगा।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले साल हैं। विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का दल बदल का भी सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को आप नेता कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था। अब कैलाश गहलोत ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल झा ने भी बीजेपी छोड़ दी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आएगा वैसे ही नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला और बढ़ सकता है।