कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी के ड्रामा वाले बयान पर पलटवार किया है।
Parliament Winter Session 2025: संसद में आज से शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। सत्र का पहला ही दिन काफी हंगामेदार रहा है। वहीं पीएम मोदी के ‘ड्रामा’ वाले बयान पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विपक्ष के नेताओं ने इस पर पलटवार किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर संसदीय मर्यादाओं को कुचलने और संसदीय प्रणाली को तहस-नहस करने का आरोप लगाया है। साथ ही पीएम मोदी को सबसे बड़ा ड्रामेबाज बताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “शीतकालीन सत्र के पहले दिन, संसद के सामने मौजूद असली मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी 'ड्रामेबाज़ी' की है! सरकार ने पिछले 11 सालों में संसदीय मर्यादा और व्यवस्था को लगातार कमजोर किया है, और यह बात जगजाहिर है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर की स्थिति जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके की भी आलोचना की और कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने तक प्रशासन चुप रहा। खरगे ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान दबाव में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की मौतों का भी जिक्र किया और कहा कि इन मुद्दों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि विपक्ष वोटों में हेराफेरी के आरोपों सहित प्रमुख मुद्दों को उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और संसद में इन्हें उठाता रहेगा। बीजेपी को अब ध्यान भटकाने का यह नाटक बंद करना चाहिए और जनता को प्रभावित करने वाले वास्तविक मुद्दों पर बहस करनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने कहा कि कमेंट करना और यह कहना कि विपक्ष ड्रामा कर रहा है, यह बिल्कुल मंज़ूर नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने पिछले सेशन में SIR का कड़ा विरोध किया था और चर्चा की रिक्वेस्ट की थी। आपने चर्चा का कोई मौका नहीं दिया। अब, हम भी SIR पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। मैजोरिटी का मतलब तानाशाही नहीं होता।
वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, "यह बहुत बुरा है कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि पार्लियामेंट में 240 MP ड्रामा कर रहे हैं। हम एक बहुत ज़रूरी मुद्दा उठा रहे हैं, प्रधानमंत्री। वे दलितों, माइनॉरिटी और पिछड़े वर्ग के वोट छीन रहे हैं। लोगों के वोट काट दिए गए हैं। हम इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। पार्लियामेंट किसलिए है? यह कोई चीयरलीडर क्लब नहीं है। यह एक ऐसी जगह है जहां हम लोगों के मुद्दों पर चर्चा करते हैं। वोट देने का अधिकार छीन लिया गया है। हम इस पर चर्चा चाहते हैं। हम कोई ड्रामा नहीं कर रहे हैं। हम पार्लियामेंट में चर्चा चाहते हैं। वह आज लोकसभा में नहीं हैं। लेकिन हम वहां थे। हम चर्चा चाहते हैं। हम चर्चा की मांग करते रहेंगे।”