Delhi Air Pollution : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि संसाधनों की कमी नहीं होगी, लेकिन लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि सोशल मीडिया पर यूजर्स सरकार की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
Delhi Air Pollution :दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का सख्त बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। X पर किए गए अपने एक वीडियो पोस्ट में सीएम यह कहती दिख रहीं हैं कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, लेकिन काम में लापरवाही किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी। इस बयान पर जहां समर्थकों ने सरकार की मंशा की तारीफ की, वहीं, बड़ी संख्या में यूजर्स ने तीखे सवाल और तंज भी कसे। एक यूजर्स ने तो प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सीएम से बारिश भी कराने की मांग कर डाली।
मुख्यमंत्री ने पोस्ट में कहा कि दिल्ली सरकार ने सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए एमसीडी को बड़े पैमाने पर संसाधन उपलब्ध कराए हैं। एमसीडी को 70 एमआरएस मशीनें दी गई हैं। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्रों में 1000 लीटर क्षमता वाली पिकर मशीनें और हर वार्ड में सुपर सकर मशीनें लगाए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि इन सभी कार्यों के लिए पूरा फंड मुहैया कराया गया है।
सीएम रेखा गुप्ता के मुताबिक, सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एमसीडी को 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी गई है। साथ ही 300 करोड रुपए की एक्स्ट्रा ग्रांट को स्थाई रूप से जोड़ा गया है, ताकि भविष्य में सफाई से जुड़े कार्यों में धन की कमी न हो। वहीं प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने 50 शटल पार्किंग विकसित करने की योजना का ऐलान किया है, जिसका खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। सरकार का कहना है कि इससे रोड़ साइड पार्किंग घटेगी, ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी और धूल-धुएं से होने वाला प्रदूषण कम होगा।
सरकार ने 311 ऐप को पूरी तरह जवाबदेह बनाने की बात कही है। ड्रेन और सड़कों के सुधार पर भी काम किया जा रहा है। ओपन बर्निंग पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत नियम तोड़ने वालों पर 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही सीएम के मुताबिक, दिल्ली में पहली बार बायोगैस प्लांट शुरू किया गया है, जिससे रोजाना करीब 1500 मीट्रिक टन गोबर का प्रबंधन होगा। सरकार का दावा है कि इससे कचरा प्रबंधन सुधरेगा और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
सीएम के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं है। कुछ लोगों ने लिखा कि सरकार कम से कम ठोस कदम उठा रही है, वहीं कई यूजर्स ने आलोचना भी की। एक यूजर ने लिखा, आप कितना ही MCD Delhi को पैसा दे दो, जब तक करप्ट अफसरों को सस्पेंड नहीं करोगे, कोई भी गली-रोड साफ नहीं होगी। मैंने एक महीने पहले सफाई की शिकायत की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं, एक यूजर्स ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार प्रदूषण की रोकथाम में पूरी तरह विफल रही है। प्रदूषण की वजह से लोगों का दम घुट रहा है, सांस लेना मुश्किल हो गया है। निर्माण कार्य में लगे गरीब मजदूरों का काम बंद होने से भूख के हालात पर छोड़ दिया गया है।
प्रदूषण को लेकर कुछ यूजर्स ने तंज कसते हुए लिखा, सब योजनाएं ठीक हैं, लेकिन अगर हो सके तो एक बार फिर क्लाउड सीडिंग और कृत्रिम बारिश का भी प्रयास कर लीजिए। सीएम के बयान और जनता की प्रतिक्रियाओं ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण का ही नहीं, बल्कि अमल और भरोसे का भी बड़ा मुद्दा बन चुका है।