Manisha Yadav: रोहतक जिले की मनीषा यादव ने एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में अपनी जगह बनाई है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक मनीषा ने बचपन से ही अपने दादा और परिवार के प्रेरणा से देश सेवा का सपना देखा था। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस पद तक पहुंचाया।
Manisha Yadav: हरियाणा के रोहतक जिले के आजादगढ़ से ताल्लुक रखने वाली मनीषा यादव ने एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में अपनी जगह बनाई है। मनीषा ने अपनी मेहनत और संघर्ष से न केवल दादा के सपने को पूूरा किया है बल्कि पूरे परिवार को गर्व से भर दिया है। इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे राज्य को गर्व महसूस हो रहा है। मनीषा का चयन, उनके सपनों और कड़ी मेहनत का परिणाम है।
बता दें कि मनीषा के पिता, देवेंद्र यादव, जो हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर की सुरक्षा में तैनात हैं, 12 साल से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे, और अब उनकी बेटी मनीषा ने अपने कठिन संघर्ष और लगन से एयरफोर्स में स्थान पाया। मनीषा की सफलता के बाद, पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर और उनकी पत्नी वीना ग्रोवर ने मनीषा को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह सचमुच गर्व की बात है कि आज की बेटियां देश की सेवा के लिए आगे आ रही हैं।
मनीषा की सफलता में उनका परिवार विशेष रूप से अहम भूमिका निभाता है। मनीषा ने बताया कि उनके दादा, राव राजेंद्र सिंह, और उनके छोटे दादा, महेंद्र सिंह ने भी देश की सेवा की थी। उनके दादा का सपना था कि उनकी पोती भी देश की सेवा में शामिल हो। मनीषा ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही एयरफोर्स में जाने का संकल्प लिया और उसी दिशा में कड़ी मेहनत करने लगीं। मनीषा का मानना है कि देश की बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं और यह समय है जब सभी लड़कियां अपने सपनों को साकार करने के लिए बिना किसी डर के मेहनत करें। मनीषा ने स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को संदेश दिया कि वे ईमानदारी से पढ़ाई करें और अपने-अपने क्षेत्र में आकर देश का नाम रोशन करें।
मनीषा के माता-पिता, देवेंद्र यादव और पिंकी यादव ने भी अपनी बेटी की सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि मनीषा का एयरफोर्स में चयन पूरे परिवार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, "मनीषा ने अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की है, और उसकी सफलता न केवल हमारे लिए, बल्कि हरियाणा और रोहतक के लिए गर्व की बात है।" उनका मानना है कि आज की बेटियां किसी भी मायने में कमजोर नहीं हैं और वे किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं।
यह कहानी एक प्रेरणा है कि अगर किसी के अंदर दृढ़ इच्छाशक्ति, समर्पण और मेहनत हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता। मनीषा यादव की सफलता ने यह साबित कर दिया कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं और वे भी देश की सेवा में योगदान देने में सक्षम हैं।