
गुरुग्राम में 61 दुकानों पर गरजा बुलडोजर। (प्रतीकात्मक फोटो)
HSVP Bulldozer Action: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र गुरुग्राम में उस समय अफरातफरी मच गई, जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) की टीमें बुलडोजर लेकर सेक्टर-33 स्थित मार्बल मार्केट पहुंच गई। मार्केट में बुलडोजर देख व्यापारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। अधिकारियों ने लोगों को बताया कि मार्बल मार्केट में 61 दुकानें बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से बनाई गई हैं। इसके अलावा इन दुकानों का व्यापारियों ने कब्जा प्रमाणपत्र भी नहीं लिया। इसलिए ये दुकानें गिराई जाएंगी। इसपर लोगों ने इस कार्रवाई को अन्याय बताते हुए इसका विरोध किया।
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में यह कार्रवाई सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब की गई। इस दौरान एसएसवीपी के एसडीओ सर्वे ज्ञानचंद सैनी तीन बुलडोजरों के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि जब मौके पर ज्यादा भीड़ जमा हो गई और लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया तो एसडीओ ज्ञानचंद सैनी ने सदर थाने को सूचना दी। सूचना पर सदर थाना प्रभारी बलराज भी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। जैसे ही मौके पर पुलिस पहुंची व्यापारी उग्र हो गए और उन्होंने इस तोड़फोड़ के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी बीच कुछ व्यापारी एचएसवीपी प्रशासक वैशाली सिंह के पास पहुंच गए। उन्होंने दो दिनों की मोहलत मांगी और कहा कि दुकानें स्वतः खाली कर देंगे। इसके बाद उनपर बुलडोजर चलवाया जाए।
व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल से मिले आश्वासन के बाद एचएसवीपी प्रशासक वैशाली सिंह ने एसडीओ ज्ञानचंद को चिह्नित की गई दुकानों को खाली कराने का आदेश दिया। इस दौरान कहा गया कि जो व्यापारी दो दिन में दुकानें खाली न करें, उनकी दुकानें तोड़ दी जाएं। इसके बाद एसडीओ ज्ञानचंद ने व्यापारियों को दुकानें खाली करने का आदेश दिया और बुलडोजर लेकर वापस लौट गए। HT की रिपोर्ट के अनुसार, इसी बीच वैशाली सिंह को पता चला कि कुछ व्यापारियों ने तोड़फोड़ के खिलाफ स्टे लेने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। मंगलवार को इसपर सुनवाई होनी है।
एचएसवीपी प्रशासक वैशाली सिंह ने शाम को तीन बजे संपदा अधिकारी अनुपमा मलिक, एसडीओ ज्ञानचंद को मोहलत रद करते हुए दुकानें तोड़ने का आदेश दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची एचएसवीपी की टीम फिर मार्केट पहुंच गई। यह देख दुकानदारों के होश उड़ गए। उन्होंने तोड़फोड़ कार्रवाई का भारी विरोध किया। इसपर पुलिस ने विरोध कर रहे व्यापारियों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी और पीछे हटने को कहा। इसके बाद एचएसवीपी प्रशासन ने 61 दुकानों को तोड़ दिया। एसडीओ (सर्वे) ज्ञानचंद ने बताया कि मार्बल व्यापारियों ने दुकानों का नक्शा मंजूर नहीं करवाया। इसके अलावा उन्होंने कब्जा प्रमाणपत्र भी नहीं लिया।
एसडीओ (सर्वे) ज्ञानचंद के अनुसार, मार्बल मार्केट में कुछ व्यापारियों के पास दुकान का कब्जा तक नहीं है। पिछले छह महीने से दुकानदारों को दुकानें खाली करने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन दुकानदार टाल-मटोल रवैया अपनाए हुए थे। इसलिए तोड़फोड़ की यह कार्रवाई की गई है। वहीं इस मामले में मार्बल मार्केट एसोसिएशन प्रधान केपीएस चौहान ने बताया कि पहले एमजी रोड पर सिकंदरपुर में यह मार्बल मार्केट थी। लगभग डेढ़ दशक पहले इसे सेक्टर-33 में ट्रांसफर किया गया था। एचएसवीपी ने जमीन का कब्जा देने के साथ ही आवंटन पत्र भी दिया था। व्यापारी एसोसिएशन ने इस कार्रवाई को अवैध बताया।
मार्बल मार्केट एसोसिएशन से जुड़े व्यापारी मुकेश शर्मा ने बताया कि एचएसवीपी की ओर से व्यापारियों को मार्बल मार्केट से 100 मीटर दूर साढ़े सात एकड़ जमीन दी जा रही है, जहां अस्थायी तौर पर मार्केट को स्थानांतरित करने की योजना है। जो जमीन मार्केट के लिए दी जा रही है, वह ऊबड़-खाबड़ और गंदगी का गढ़ है। वहां पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि पार्किंग के लिए एचएसवीपी ने तीन करोड़ का टेंडर जारी किया है, लेकिन उस जमीन का विकास होने में तकरीबन तीन महीने का समय लगेगा। इस दौरान व्यवसाय पर काफी असर होगा। इसीलिए व्यापारी चाहते हैं कि उन्हें स्थानांतरित होने तक यहीं पर व्यापार करने दिया जाए।
Published on:
30 Dec 2025 01:02 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
