नई दिल्ली

यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसेगा ‘नया हाथरस’ 358 गांव होंगे शामिल, यीडा ने तीन कंपनियों को सौंपी जिम्मेदारी

New Hathras: यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 'नया हाथरस' शहर बसाने की योजना तेजी से चल रही है, जिसमें 358 गांवों को शामिल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए यीडा ने तीन प्रमुख कंपनियों का चयन किया है, जो शहर के मास्टर प्लान को तैयार करेंगी।

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New Hathras: यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ एक 'नया हाथरस' शहर बसाने की तैयारी जोरों से चल रही है। इस नए शहर में 358 गांवों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए यीडा ने तीन बड़ी कंपनियों का चुनाव किया है, जो शहर को बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करेंगी।

इस प्लान को लेकर प्राधिकरण के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि फेज- 2 के दौरान नए हाथरस का मास्टर प्लान बनाने के लिए तीन कंपनियों ने आवेदन किया था। इन कंपनियों में आरवी इंजीनियरिंग कंसल्टेंट लिमिटेड, गरुणा यूएसबी सॉफ्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और एलईए एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल थीं। सीईओ आरके सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी, जिसके सामने तीनों कंपनियों के सीईओ ने अपना-अपना प्रेजेंटेशन दिया था और सभी को सेलेक्ट कर लिया गया था।

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जल्द निकलेगी वित्तीय बिड

जल्द ही वित्तीय बिड जारी की जाएगी, जिसके बाद एक कंपनी का चयन कर पहले 4000 हेक्टेयर क्षेत्र का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जो केवल यमुना एक्सप्रेसवे के पास स्थित होगा। प्राधिकरण का मानना है कि शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए पहले इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा, और इसके बाद आगामी योजनाओं पर विचार किया जाएगा।

New Hathras क्षेत्र में358 गांव शामिल

हाथरस का ऐतिहासिक दृष्टिकोण से ब्रिटिश काल में एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र रहा। हालांकि, समय के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की कमी के कारण इसका महत्व घटा। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में हाथरस जिले में एमएसएमई (लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग) और कुटीर उद्योग प्रमुख रूप से कार्य कर रहे हैं, और यहां लगभग 10,293 पंजीकृत उद्योग हैं। इन उद्योगों का अधिकांश हिस्सा क्लस्टर (समूह) के रूप में विकसित हुआ है, जो कम निवेश में अधिक रोजगार प्रदान करने में सक्षम हैं। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में हाथरस के 358 गांव शामिल हैं। साथ ही, हाथरस का सड़क नेटवर्क अलीगढ़ और आगरा के मुकाबले बेहतर है।

प्राधिकरण का क्षेत्र 6 जिलों तक फैला है

वहीं, यमुना अथॉरिटी के एक अधिकारी के अनुसार, प्राधिकरण का क्षेत्र 6 जिलों तक फैला हुआ है। मथुरा में मुख्य रूप से हेरिटेज सिटी के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है, जबकि टप्पल में लॉजिस्टिक हब बनाने की योजना बनाई गई है। आगरा में पर्यटन और धरोहर को प्राथमिकता दी जा रही है। अब, हाथरस में नए शहर के मास्टर प्लान को तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं।

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