UP Flood: उत्तर प्रदेश के कई इलाके इन दिनों जलमग्न हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों ने अपनी दास्तां सुनाई। एक पीड़ित ने कहा कि उसके पैर में चोट लगी है लेकिन मदद के लिए कोई नहीं आया।
UP Flood: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। एक तरफ प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को तमाम तरीके की राहत सामग्री पहुंचाने के दावे कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा दिल्ली समेत आसपास के कई इलाकों में मंडरा रहा है। कई किसानों की फसलें दिल्ली और नोएडा में नष्ट हो गई हैं। बताया जा रहा है कि कई किसानों की झोपड़ियों तक में पानी भर चुका है। सेक्टर-167 स्थित छपरौली और मंगरौली गांव में बने कई फॉर्म हाउस जलमग्न हो चुके हैं। इसके अलावा सेक्टर-128 असगरपुर के निचले इलाके में गुलाब की खेती पूरी तरह से डूब गई है।
ग्रेटर नोएडा की बात करें तो सोमवार शाम से हथनी कुंड से पानी छोड़ने के कारण जलस्तर बढ़ने लगा। बाढ़ की वजह से कई लोगों के घरो में पानी जमा हो चुका है। बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों ने अपनी दास्तां सुनाई।
बाढ़ प्रभावित इलाके में रह रही नोएडा की स्थानीय महिला ने बताया, ''खाने-पीने के लिए मुश्किल हो रही है। जानवरों के पीने के लिए पानी तक नहीं बचा है।'' वहीं एक अन्य शख्स ने कहा कि पानी लगातार बढ़ रहा है। मेरे पैर में चोट लगी है और बहुत दर्द हो रहा है। शख्स से जब पूछा गया कि नोएडा अथॉरिटी या पुलिसकर्मी मदद के लिए आए तो शख्स ने साफ मना कर दिया। वहीं एक अन्य व्यक्ति का कहना है, '' प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है।"
हालांकि मंगलवार शाम को सेक्टर-151 में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने डीएम मेधा रूपम पहुंची। इस दौरान उन्होंने राहत कार्यों के साथ शिविरों में भी मौजूद सुविधाओं का जायजा लिया। इसके अलावा कई जगहों पर लोगों को चाय, बिस्किट, ब्रेड और नमकीन का नियमित वितरण भी किया जा रहा है।