पटना

Bihar Politics: आरजेडी की करारी हार के बाद कहां हैं संजय, पढ़िए हार पर मंथन में क्या- क्या निकला?

Bihar Politics आरजेडी की समीक्षा बैठक में पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि चुनाव से पहले हमारी राय तक नहीं ली गई। हम लोगों को नेता से मिलने तक नहीं दिया गया।

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Dec 09, 2025
संजय यादव। फोटो- सोशल साइट (फेसबुक)

BiharPolitics: बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आरजेडी की समीक्षा बैठक का आज अंतिम दिन है। पिछले 10 दिनों से चल रही इस समीक्षा बैठक में पार्टी के नेताओं ने जमकर अपनी भड़ास निकाली है। पार्टी के सीनियर नेताओं को कठघरे में खड़ा कर कई सवाल किए गए। एक नेता ने तो कहा कि हार की समीक्षा बैठक में उन नेताओं को भी बैठाना चाहिए, जिनकी वजह से पार्टी की करारी हार हुई। पार्टी के सीनियर नेताओं का इशारा राज्यसभा सदस्य संजय यादव और रमीज़ पर था।

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फर्जी सर्वे पर टिकट दिए गए

समीक्षा बैठक में पार्टी नेताओं ने प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल उठाए। सर्वे टीम पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा कि पार्टी की सर्वे टीम ने जमीन से जुड़े नेताओं को नज़रअंदाज़ किया और पैसा लेकर फर्जी लोगों के नाम पार्टी को सौंपे। इस कारण कई नेता पार्टी से अलग हो गए। जो बचे, उनसे प्रत्याशियों ने कोई संपर्क नहीं किया। जनता और समर्थकों को छोड़ दें, पार्टी के सीनियर पदाधिकारियों से भी उन लोगों ने संपर्क नहीं किया। इससे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पूरे चुनाव में उपेक्षित महसूस करते रहे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, समीक्षा बैठक में राज्यसभा सदस्य संजय यादव भी निशाने पर रहे। बिना उनका नाम लिए सदस्यों ने उन पर प्रहार करते हुए कहा कि जिसने टिकट बंटवारे में अपनी मनमानी की, उसे भी जवाब देना चाहिए कि आखिर पार्टी क्यों हारी।

चुनाव में कार्यकर्ता उपेक्षित रहे

समीक्षा बैठक में पार्टी के प्रदेश‑स्तर और जिला‑स्तर के पदाधिकारियों ने कहा कि बाहर से उम्मीदवार बनाए जाने के कारण दल के नेता व कार्यकर्ता मायूस हो गए थे। जिनकी क्षेत्र में पकड़ नहीं थी, उन्हें नेतृत्व ने सिंबल दे दिया। ऐसे हवा‑हवाई नेताओं की वजह से आरजेडी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी पूरे चुनाव में उपेक्षित रहे। जबकि पार्टी के प्रत्याशियों ने चुनाव के दौरान पदाधिकारियों से सहयोग न मिलने की शिकायत की थी। जब समीक्षा बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा, तो पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी ने जिस कैंडिडेट को नॉमिनेट किया था, वह न सिर्फ आम जनता और समर्थकों के बीच, बल्कि खुद पार्टी पदाधिकारियों के बीच भी ज्यादा जाना-पहचाना नहीं था। इस कारण टिकट की आशा लगाए हुए पदाधिकारी मायूस हो गए। अचानक आए इन उम्मीदवारों के पीछे कई तरह की कहानियां भी सामने आईं। लेन‑देन का मामला भी समीक्षा बैठक में उठाया गया।

नेता से मिलने नहीं दिया गया

समीक्षा बैठक में पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि चुनाव से पहले हमारी राय नहीं ली गई। जो कार्यकर्ता अपने खर्च पर पार्टी नेता से मिलने का प्रयास करते रहे, उन्हें कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा। हद तो तब हो गई जब उन्हें नेता के दरवाज़े पर खड़े संतरी ने धक्का देकर भगा दिया। इन सबके बाद भी जब कोई पदाधिकारी दल के नेता से मिला, तो वे अकेले में मुलाक़ात नहीं कर पाए; उनके साथ हमेशा एक विशेष सहायक रहता था। इससे पार्टी नेता नेतृत्व के सामने खुलकर बात नहीं कर पाए। समीक्षा बैठक के दूसरे चरण के तहत प्रदेश राजद कार्यालय में प्रमंडलवार समीक्षा बैठक चल रही है। इसमें पार्टी के जिला‑स्तरीय और प्रदेश‑स्तरीय पदाधिकारी शामिल हुए हैं। नौ दिसंबर (आज) को यह बैठक समाप्त हो जाएगी। पहले चरण में पार्टी ने चुनाव लड़े उम्मीदवारों के साथ बैठक की थी। दूसरे चरण की समीक्षा बैठक में उम्मीदवारों से अधिक शिकायत दल के पदाधिकारियों की है।

कहां हैं संजय यादव?

समीक्षा बैठक में पार्टी के पदाधिकारी संजय यादव पर भी तंज कसा गया। कई लोगों ने कहा, “संजय यादव कहाँ हैं? सर्वे टीम उनकी थी, पार्टी के प्रत्याशी उन्होंने तय किए थे। फिर चुनाव में हार की समीक्षा बैठक से वे क्यों गायब हैं? उन्हें भी इस बैठक में उपस्थित होना चाहिए था और हमारे सवालों के जवाब देने चाहिए थे।” एक पदाधिकारी ने तो कहा, “पार्टी की करारी हार के बाद से संजय यादव और रमीज दिख नहीं रहे हैं। वे कहाँ हैं?”

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Published on:
09 Dec 2025 02:27 pm
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