Chhath Puja 2025: ग्राम सिन्दूर से इस बार छठ महापर्व पर ऐसी अद्भुत कहानी सामने आई जिसने हर किसी का हृदय छू लिया। मात्र 6 वर्ष की अनन्या नेताम (पंछी) ने इस कठिन और अनुशासनपूर्ण व्रत को पूरे निष्ठा, संकल्प और आस्था के साथ पूरा किया।
Chhath Puja 2025: ग्राम सिन्दूर से इस बार छठ महापर्व पर ऐसी अद्भुत कहानी सामने आई जिसने हर किसी का हृदय छू लिया। मात्र 6 वर्ष की अनन्या नेताम (पंछी) ने इस कठिन और अनुशासनपूर्ण व्रत को पूरे निष्ठा, संकल्प और आस्था के साथ पूरा किया। कृषक अजय नेताम और राजकुमारी नेताम की लाडली बेटी अनन्या ने जब गांव में छठ की तैयारियां देखीं तो स्वयं व्रत रखने की इच्छा जताई। पहले तो सभी को आश्चर्य हुआ पर उसकी दृढ़ता ने सबको प्रेरित कर दिया।
छोटी सी उम्र में अनन्या ने सूर्य देव और छठी मैया की उपासना पूरी विधि-विधान से की। जब उसने सेंदूर नदी के तट पर अपने नन्हे हाथों से डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया तो वहां उपस्थित हर आंख खुशी से नम हो उठीं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इतनी कम उम्र में इतनी गहरी श्रद्धा और अनुशासन देखना विरले ही होता है। इस बालिका ने दिखा दिया कि भक्ति उम्र की नहीं, मन की होती है। रामानुजगंज के एक निजी विद्यालय की यूकेजी छात्रा यह नन्ही साधिका आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है। लोग इसे समाज के लिए एक मिसाल के रूप में देख रहे हैं।
पूरी रात नदी किनारे रहकर अनन्या ने व्रत की परंपराओं का पालन किया और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न किया। उसकी मासूम भक्ति अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। आज अनन्या नेताम को लोग श्रद्धा, संकल्प और भक्ति का जीवंत प्रतीक मान रहे हैं।