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Doctors Bad Handwriting : डॉक्टर की राइटिंग खराब क्यों, 3 डॉक्टर्स की जुबानी सुनिए, कोर्ट के फैसले के बाद सुधार की उम्मीद

Doctors Bad Handwriting : आप भी ये सोचते हैं ना कि डॉक्टर्स की राइटिंग इतनी खराब क्यों होती है। आज इसका जवाब इन तीन डॉक्टरों से जानिए।

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Oct 04, 2025
Doctors Bad writing | Photo- Patrika

Doctors Bad Handwriting : डॉक्टर की राइटिंग को पढ़ पाना मुश्किल ही नहीं कई बार नामुमकिन-सा हो जाता है। सोशल मीडिया पर इनकी प्रिस्क्रिप्शन को लेकर मीम मिल जाएंगे तो कुछ मजेदार जोक भी। मगर, इस तरह के मजाक को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और राइटिंग सुधारने का आदेश भी दिया है। ये डॉक्टर कितना सुधार करेंगे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। पर, डॉक्टर की हैंड राइटिंग इतनी खराब क्यों होती है, इसके पीछे का कारण क्या है? इस बात को समझने के लिए हमने (पत्रिका) तीन डॉक्टरों से बातचीत की।

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डॉक्टर की खराब राइटिंग पर कोर्ट का फैसला

हालही में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे जिंदगी और मौत से जोड़कर फैसला सुनाया। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत 'जीवन के अधिकार' का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टर्स बड़े अक्षरों में साफ-साफ लिखें या डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन दें।

डॉक्टर की खराब राइटिंग से मौत

केस 1- अक्टूबर 2022 में लखनऊ में एक डॉक्टर की खराब हैंड राइटिंग के कारण बच्चे को गलत इंजेक्शन लग गया था।

तथ्य- साल 1999 में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसीन (IoM) ने बताया था कि यूएस में मेडिकल एरर के कारण 44 हजार मौतें व 7 हजार मौत खराब हैंड राइटिंग (sloppy handwriting) के कारण हुई।

डॉक्टर की राइटिंग खराब क्यों?

डॉक्टर की राइटिंग खराब होने के पीछे को कारण को समझने के लिए हमने तीन डॉक्टर से बातचीत की जिन्होंने अपने अनुभव के हिसाब से चीजों को बताया।

कोडवर्ड में दवा का नाम

डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक) का कहना है कि डॉक्टर की खराब हैंड राइटिंग को लंबे समय से बहस चल रही है। आखिरकार कोर्ट का ध्यान गया और फैसला आया है। अक्सर एलोपैथ के डॉक्टर कोडवर्ड में दवा का नाम लिखते हैं। इससे कमीशन कमाने का काम चलता है। साथ ही कुछेक डॉक्टर बिजी रहने के कारण ऐसा करते हैं।

कोडवर्ड व कमीशन से जोड़ना एकतरफा आरोप

वहीं, डॉ. हिमांशु गुप्ता का मानना है कि सिर्फ कोडवर्ड व कमीशन से जोड़ना एकतरफा आरोप है। ऐसा करने वाले बहुत कम डॉक्टर हैं। जबकि, खराब राइटिंग के पीछे का कारण बिजी शेड्यूल है।

एक ही चीज को बार-बार लिखने की आदत

डॉ. जयेश शर्मा इसको लेकर कहते हैं कि डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन देना सही है। ये पढ़ने में आसान होगा। दरअसल, एक ही चीज को बार-बार लिखने के कारण डॉक्टर घसीटा मारने लगते हैं, इस वजह से अधिकतर डॉक्टर्स की राइटिंग खराब होती है।

कैपिटल अक्षर में दवा का नाम लिखें

साथ ही इन तीनों डॉक्टर ने ये भी कहा कि अगर डॉक्टर साफ तौर पर कैपिटल अक्षर में दवा का नाम लिखें तो ये सबके लिए सही है। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। साथ ही ये उम्मीद करते हैं कि डॉक्टर्स इस बात को यथासंभव फॉलो करना शुरू कर दें।

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