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वर्ष की पहली छमाही में राजस्थान की माली हालत लड़खड़ाई, जानिए प्रति व्यक्ति कितना कर्ज बढ़ा

Rajasthan FRBM Report: मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में राजस्थान की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है। जानिए इसका कारण-

3 min read
Dec 24, 2025
Photo- AI

Rajasthan FRBM Report: मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजस्थान की राजस्व आय में पिछले वर्ष के मुकाबले सुधार हुआ, लेकिन गैर-कर राजस्व कम मिलने और केंद्र से मिलने वाले अनुदान में कमी के कारण प्रदेश की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है।

इसके चलते प्रदेश को अपने खर्चे पूरे करने के लिए करोड़ों रुपए का कर्ज लेना पड़ा, जिससे प्रति व्यक्ति औसतन कर्ज लगभग 4 हजार बढ़ गया। इससे सितंबर तक प्रदेश पर कुल कर्ज 676513 करोड़ रुपए को पार कर गया।

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वित्त मंत्री दिया कुमारी ने दी रिपोर्ट को मंजूरी

वित्तीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत अप्रेल से सितंबर तक की आर्थिक स्थिति की छमाही समीक्षा की रिपोर्ट को वित्त मंत्री के रूप में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने मंजूरी दी, जिसे हाल ही में सार्वजनिक किया गया।

वर्षराजस्व प्राप्तियां (₹ करोड़)राजस्व व्यय (₹ करोड़)राजस्व घाटा / अधिशेष (₹ करोड़)
2021-2272,510.9291,019.86-18,508.94
2022-2385,050.9999,435.47-14,384.48
2023-2490,543.601,08,942.11-18,398.51
2024-2598,787.861,19,195.94-20,408.08
2025-261,04,571.461,28,681.55-24,110.09
Data Source: Finance Department Govt of Rajasthan

राजस्व आय के मुकाबले राजस्व खर्च अधिक होने से राज्य का राजस्व घाटा 24,110 करोड़ रुपए पहुंच गया। राजस्व के साथ ही पूंजीगत खर्च को मिलाकर देखा जाए तो कुल वित्तीय घाटा 35,877 करोड़ रुपए जा पहुंचा।

अप्रेल से सितंबर के बीच कितना कर्ज​ लिया

घाटे की भरपाई कर खर्च चलाने के लिए राज्य ने अप्रेल से सितंबर के बीच 35,826 करोड़ रुपए का कर्ज लिया। रिपोर्ट से सामने आया कि इस वर्ष पहली छमाही में पिछले वर्ष की पहली छमाही के मुकाबले केन्द्र सरकार ने राज्य को अनुदान कम दिया।

प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन-

कृषि: खाद्यान्न उत्पादन 2% घटा, दलहन उत्पादन 17% बढ़ा

खरीफ फसलों के वर्ष 2025 के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, राज्य में खरीफ खाद्यान्न का कुल उत्पादन 111.96 लाख टन रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2024 में 114.24 लाख टन था, जिसमें 2.00 प्रतिशत की कमी देखी गई है।

वहीं खरीफ अनाज का उत्पादन वर्ष 2025 में 88.47 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2024 में यह 94.19 लाख टन था। इस प्रकार अनाज उत्पादन में 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी ओर खरीफ दलहन के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2025 में खरीफ दलहन का उत्पादन 23.49 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2024 में यह 20.05 लाख टन था। इस तरह दलहन उत्पादन में करीब 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

खरीफ तिलहन के उत्पादन में भी वृद्धि का अनुमान है। वर्ष 2025 में तिलहन उत्पादन 39.22 लाख टन रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2024 के 37.35 लाख टन की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है।

गन्ना और ग्वार बीज के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2025 में गन्ना उत्पादन 3.32 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2024 में यह 4.65 लाख टन था, जिससे 28.60 प्रतिशत की कमी आई है।

इसी तरह, ग्वार बीज का उत्पादन वर्ष 2025 में 17.64 लाख टन रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2024 के 19.75 लाख टन के मुकाबले 10.68 प्रतिशत कम है।

वहीं कपास उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2025 में कपास उत्पादन 19.71 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2024 में यह 17.88 लाख गांठ था। इस प्रकार कपास उत्पादन में 10.23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

उद्योग: एमएसएमई इकाइयों का पंजीकरण 2.41% बढ़ा

राज्य में 2 लाख 70 हजार 251 लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) औद्योगिक इकाइयों का ऑनलाइन पंजीकरण/मेमोरेंडम जारी किया गया। इन इकाइयों के माध्यम से 7,220.15 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश से 14 लाख 40 हजार 449 लोगों को रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है।

वहीं, वर्ष 2024-25 (अप्रेल से सितंबर 2024) की समान अवधि में 2 लाख 63 हजार 891 एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों का ऑनलाइन मेमोरेंडम जारी हुआ था। उस दौरान 5,451.61 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश से 14 लाख 48 हजार 571 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था।

आंकड़ों के अनुसार, 2025-26 की अवधि में एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों के पंजीकरण में 2.41% की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं प्रस्तावित निवेश में 32.44% की बढ़ोतरी हुई।

ऊर्जा: बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 30,094 मेगावाट हुई

राज्य में विद्युत उत्पादन की स्थापित क्षमता 30,094.47 मेगावाट रही। इसमें राज्य की स्वयं की परियोजनाएं, साझा परियोजनाएं, केंद्रीय क्षेत्र, निजी क्षेत्र तथा गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत शामिल हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 की समान अवधि में यह क्षमता 25,772 मेगावाट थी, जो 16.77 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 30,094 मेगावाट हो गई।

पहली छमाही में आर्थिक स्थिति

आय में उतार-चढ़ाव

आय का स्रोत2024-25 (₹ करोड़)2025-26 (₹ करोड़)
कर राजस्व81,290.1489,970.69
गैर-कर राजस्व17,497.7214,600.77
एसजीएसटी19,992.3021,419.41
स्टांप व रजिस्ट्री5,167.005,879.26
आबकारी7,162.027,587.00
बिक्री कर11,458.7611,843.28
वाहन कर2,971.653,247.94
विद्युत शुल्क1,471.431,371.54
केंद्र से अनुदान9,295.645,883.86
Data Source: Finance Department Govt of Rajasthan

खर्च में बदली स्थितियां

खर्च का मदवित्तीय वर्ष 2024-25 (₹ करोड़)वित्तीय वर्ष 2025-26 (₹ करोड़)
कुल खर्च1,35,425.141,40,821.72
ब्याज भुगतान पर खर्च15,792.9517,501.76
वेतन–मजदूरी35,288.1337,149.39
पेंशन14,080.9815,737.34
Data Source: Finance Department Govt of Rajasthan

इनका कहना है

राज्य की भाजपा सरकार ने महज 2 वर्षों में ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में धकेल दिया है। सरकार के हाल इतने बेहाल हो गए हैं कि अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार को 35,826 करोड़ रुपए का कर्ज उठाना पड़ा। 1.06 लाख करोड़ के राजस्व का ढोल पीटने वाली भाजपा ये नहीं बताएगी कि अपने कुशासन के इसी दौर में प्रति व्यक्ति कर्ज 4000 रुपए और बढ़ गया है। भाजपा का वित्तीय कुप्रबंधन राजस्थान को लगातार आर्थिक गर्त में ले जा रहा है।

  • गोविंद सिंह डोटासरा, अध्यक्ष, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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Updated on:
24 Dec 2025 09:21 pm
Published on:
24 Dec 2025 06:15 pm
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