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जयपुर में पहली बार नया प्रयोग, STP के पानी से बढ़ेगा भू-जल, JDA बनाएगी 25 वाटर रिचार्ज सिस्टम

JDA Initiatives : जयपुर में जेडीए ने भू-जल स्तर बढ़ाने की तैयारियां शुरू कर दी है। जेडीए 25 वाटर रिचार्ज सिस्टम विकसित करने जा रहा है। जेडीए अधिकारियों की मानें तो इसको बनाने में करीब दो करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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जयपुर में द्रव्यवती नदी का दृश्य। ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

JDA Initiatives : जयपुर में द्रव्यवती नदी के जिन इलाकों में भू-जल स्तर गिर रहा है, वहां जेडीए ने भू-जल स्तर बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। जेडीए 25 वाटर रिचार्ज सिस्टम विकसित करने जा रहा है। इनके जरिये पानी को जमीन में भेजा जाएगा। जमीन में वर्ष भर पानी जाए, इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से पानी लिया जाएगा। गुलाबी नगर में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। जेडीए अधिकारियों की मानें तो इसको बनाने में करीब दो करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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यहां ये हो रहा

1- दिल्ली : एसटीपी से ट्रीट हुए जल को यमुना में छोड़ा जा रहा है, साथ ही रिचार्ज कुएं भी बनाए गए हैं।
2- हरियाणा : गुरुग्राम और फरीदाबाद में उपचारित जल का पुन: उपयोग किया जाता है। यहां पानी बागवानी, सिंचाई-भूजल स्तर बढ़ाने में उपयोग किया जा रहा है।

दूसरे देशों में भी ये स्थिति

1-तेल अवीव, इजराइल : 90 फीसदी उपचारित जल कृषि और भूजल रिचार्ज में जाता है।
2- पर्थ, ऑस्ट्रेलिया : मैनेज एक्वाफायर रिचार्ज से इस पानी को सिंचाई और रिचार्ज के काम में लिया जाता है।
3-कैलिफोर्निया, अमरीका : पर्पल पाइप सिस्टम से पानी को सिंचाई और रिचार्ज के लिए अलग पाइपलाइन से भेजा जाता है।

इस तरह होगा काम

1- द्रव्यवती नदी के किनारे 5 एसटीपी संचालित हैं। सीवेज ट्रीट होने के बाद साफ पानी एक टैंक में एकत्र किया जाता है। इसमें क्लोरीन मिलने के बाद पानी को नदी में बहाया जाता है। इन टैंक से रिचार्ज सिस्टम को पानी दिया जाएगा।
2- सतही जल संग्रहण के साथ गहराई में पाइपिंग को ले जाया जाएगा।
3- हर रिचार्ज पॉइंट पर डिजिटल सेंसर लगाए जाएंगे जो पानी की गुणवत्ता को रियल टाइम ट्रैक करें।

सांगानेर क्षेत्र में पांच वर्ष में 100 से अधिक कुएं सूख गए। फोटो पत्रिका

पानी की क्वालिटी होगी और बेहतर

नदी किनारे जो प्लांट हैं, वे उच्च तकनीक के हैं। मानकों के अनुरूप ट्रीट किया जा रहा है। एसटीपी का पानी सीधे जमीन में पाइप से छोड़ा जाना गलत है। जेडीए जो रिचार्ज सिस्टम बनाने जा रहा है, उसमें फिल्टर मीडिया से लेकर कार्बन चैबर होते हैं। इसके अलावा मिट्टी की एक लेयर भी बनाई जाती है। तीनों प्रक्रिया को पार करता हुआ पानी जमीन में जाएगा। पानी की क्वालिटी और बेहतर होगी। देश-विदेश के कई शहरों में इसे किया जा रहा है और इसके परिणाम भी सकारात्मक आए हैं।
बीडी शर्मा, सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जेडीए

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Published on:
24 Aug 2025 01:33 pm
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