Bharat ki sabse pahli masjid : भारत की सबसे पहली और पुरानी मस्जिद बाबरी नहीं है। बाबरी के बनने से 900 साल पहले ही भारत में मस्जिद हिंदू राजा ने बना दी थी। चलिए, दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद का इतिहास जानते हैं।
Bharat ki Sabse Pahli Masjid : बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विध्वंस के 33 साल हो चुके हैं। इसके साथ ही ये खबर आ रही है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में टीएमसी (TMC) पार्टी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर बाबरी की नींव रख रहे हैं। लाखों की संख्या में लोग ईंट लेकर वहां पहुंचते दिख रहे हैं। इसलिए, वहां पर सुरक्षा को लेकर पुख्ता व्यवस्था भी की गई है।
चलिए, भारत की पहली मस्जिद (Bharat ki sabse Purani Masjid kaun si hai) के बारे में जानते हैं जो बाबरी के बनने से करीब 900 साल पहले एक हिंदू राजा द्वारा बनाई जा चुकी थी। आज वो ऐतिहासिक मस्जिद है या नहीं, अगर है भी तो किस हाल में… इन तमाम बातों को जानते हैं।
हम जिस चेरामन जुमा मस्जिद की बात करने जा रहे हैं वो दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद में से एक है। केरल सरकार की जानकारी के मुताबिक, 629 ईस्वी में केरल के त्रिशूर में इसे बनाया गया था। वहीं, बाबरी मस्जिद का निर्माण 1528-29 ई में बनने की बात कही जाती है। इसका विध्वंस 6 दिसंबर 1992 में किया गया था। बाबरी विध्वंस का मसला देश-दुनिया से अछूता नहीं रहा है। जिसको लेकर अभी भी कोई ना कोई विवाद खड़ा हो ही जाता है।
ये मस्जिद केरल के त्रिशूर में आज भी है। ये ना केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है क्योंकि, ये दुनिया की दूसरी और भारत की पहली मस्जिद है। बाबरी विध्वंस के दो साल बाद इसका नवीकरण 1994 में किया गया था। वास्तुशैली पैगोड़ा से बनी ये मस्जिद इतिहास को आज भी बयां करती है।
भारत की चेरामन जुमा मस्जिद से पहले एक ही मस्जिद थी। बताया जाता है कि वो 7वीं सदी में पैगंबर मुहम्मद के मक्का से मदीना प्रवास के दौरान बनाई गई थी। इसका नाम मस्जिद-ए-कुबा (Quba Mosque) है, जो मदीना, सऊदी अरब में स्थित है। यही इस्लाम की पहली मस्जिद के तौर पर है। इस्लाम धर्म के अनुसार, हजरत इब्राहिम और उनके बेटे हजरत इस्माइल ने यहां नमाज पढ़ी थी।
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