Nobel Prize 2025: भारत के कई लोगों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका। शांति के लिए बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है। कई बार नोबेल के लिए नामित होने के बाद भी गांधीजी को क्यों नहीं पुरस्कार दिया गया? आइए जानते हैं।
Nobel Peace Prize Mahatma Gandhi: नोबेल पुरस्कार की जब भी बात उठती है तब हर भारतीय के मन में एक सवाल उठता है कि अबतक गांधीजी को नोबेल पुरस्कार से क्यों नहीं सम्मानित किया गया है? गांधीजी को पांच बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया और लेकिन आजतक उन्हें यह सम्मान नहीं दिया गया है।
महात्मा गांधी को अहिंसा के पुजारी के तौर पर जाना जाता है। उन्हें शांति के दूत भी कहा जाता है। उनपर लिखे गए गानों में से एक तो सभी हिंदुस्तानियों की जुबान पर रहता है- साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल, दे दी हमें आजादी बिना खडग, बिना ढाल…। यह कहा जाता था कि अंग्रेजी साम्राज्य का सूरज कभी नहीं डूबने वाला लेकिन महात्मा गांधी ने अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजों को भारत से भगाकर दम लिया।
नोबेल पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के पहले सोमवार से शुरू होता है। सबसे पहले चिकित्सा पुरस्कार उसके बाद क्रमशः भौतिकी, रसायन, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के पुरस्कार दिए जाते हैं।
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद अहिंसा के मार्ग पर चलकर देशवासियों को संगठित किया और वे 20वीं सदी में के अहिंसा के सबसे मजबूत प्रतीक बनकर उभरे। आपको बता दूं कि गांधीजी को 1937, 1938, 1939, 1947 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया और यहां तक कि जनवरी 1948 में उनकी हत्या से कुछ दिन पहले नामांकित किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें कभी भी शांति के लिए नोबेल नहीं दिया गया।
नोबेल पुरस्कार समिति के बाद के सदस्यों ने महात्मा गांधी को शांति के लिए नोबेल नहीं देने की अपनी भूल को लेकर सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त किया। वर्ष 1989 में दलाई लामा को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें पुरस्कार से सम्मानित करने के समय समिति के अध्यक्ष ने कहा कि यह "यह कुछ हद तक महात्मा गांधी की स्मृति को श्रद्धांजलि" थी।
नॉर्वे संसद के सदस्य ओले कोल्बजॉर्नसन ने गांधीजी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 1937, 1938 और 1939 में नामित किया। हालांकि नोबेल पैनल में मौजूद उनके आलाचकों ने यह कहा कि गांधी हमेशा शांतिवादी नहीं थे और अंग्रेजों के खिलाफ उनके कुछ अहिंसक अभियान हिंसा और आतंक में बदल गए। वहीं पैनल सदस्यों ने यह भी बहाना बनाया कि उनके आदर्श और विचार मुख्य रूप से भारतीय थे, ना कि सार्वभौमिक।
अबतक नोबेल के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 8 भारतीयों को सम्मानित किया जा चुका है। आइए यहां देखिए पूरी सूची।
शांति के नोबेल पुरस्कार पाने वाले लोगों में मदर टेरेसा (1979), दलाई लामा (1989) नेल्सन मंडेला (1993), मलाला यूसुफजई (2014), कैलाश सत्यार्थी (2014), मार्टिन लूथर किंग जूनियर (1964), और सहित कई व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया गया है। शांति के लिए यह पुरस्कार वर्ष 1901 से उन लोगों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने शांति के प्रसार के लिए काम किए।