प्रयागराज

संगम पर सनातनियों का अधिकार? शांडिल्य महाराज ने माघ मेले में मुस्लिमों पर लगाई रोक की मांग; अफसरों को लिखा पत्र

Prayagraj News: प्रयागराज के संगम तट पर जनवरी 2026 में होने वाले माघ मेले को लेकर साधु-संतों ने मुस्लिम श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाने की मांग की है। श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर शांडिल्य महाराज ने प्रशासन को पत्र लिखकर कहा कि माघ मेला एक पवित्र स्थल है और इसकी शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।

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संगम पर सनातनियों का अधिकार? Image Source - 'FB' @राष्ट्रीयसनातनसेना

Muslims entry ban in magh mela 2026: प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अब जनवरी 2026 में होने वाले माघ मेले की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मेले में शामिल होते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं। इस बार भी आयोजकों को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।

साधु-संत और अखाड़ों के प्रतिनिधि माघ मेले को लेकर पहले से ही सुरक्षा, व्यवस्थापन और पवित्रता को लेकर तैयारियां कर रहे हैं। वहीं, इस बार माघ मेले को लेकर एक विवादित मुद्दा भी सामने आया है। श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर और जगद्गुरु शांडिल्य महाराज ने प्रशासन को पत्र लिखकर मुस्लिम श्रद्धालुओं की माघ मेले में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है।

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मक्का-मदीना में हिंदू नहीं जाते तो माघ मेले में मुस्लिम क्यों?

शांडिल्य महाराज का कहना है कि माघ मेला एक अत्यंत पवित्र स्थल है, जहां साधु-संत और कल्पवासी बड़ी संख्या में कल्पवास करते हैं। उन्होंने कहा कि इस पवित्रता और शुद्धता की पूरी जिम्मेदारी मेले के आयोजकों और साधु संतों पर है।

उन्होंने सवाल उठाया कि मक्का और मदीना में हिंदू श्रद्धालु नहीं जाते, तो हमारे महाकुंभ और माघ मेले में मुस्लिम श्रद्धालुओं का आना क्यों उचित होगा? शांडिल्य महाराज ने कहा कि मुस्लिमों के आने से माघ मेले की शुद्धता की गारंटी नहीं दी जा सकती। उनके मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और घटनाओं को देखकर यह साफ प्रतीत होता है कि यहां की शुद्धता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

महाकुंभ में भी उठी थी मुस्लिमों पर प्रतिबंध की मांग

इस वर्ष जनवरी में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान भी साधु संतों और विभिन्न अखाड़ों की ओर से मुस्लिम श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की थी। हालांकि, उस समय इसका पूर्ण अनुपालन नहीं हो सका।

अब माघ मेले से पहले फिर से यह मांग उठी है और साधु संतों ने प्रशासन को स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनके निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो आंदोलन की नौबत आ सकती है। शांडिल्य महाराज का कहना है कि संगम पर माघ मेला क्षेत्र पूरी तरह से सनातनियों का है और इसे किसी भी हाल में संरक्षित किया जाना चाहिए।

संगम तट पर तैयारियों का जोर

माघ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के चलते प्रशासन सुरक्षा, स्वास्थ्य और व्यवस्थापन के व्यापक इंतजाम कर रहा है। यातायात, आवास, स्वच्छता और आपातकालीन सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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