Karva Chauth Nirjala Vrat: रायबरेली में करवा चौथ का पर्व आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखा और चांद निकलने के बाद पूजा-अर्चना कर व्रत तोड़ा। इस मौके पर बाजारों में जबरदस्त रौनक रही, साड़ियों, चूड़ियों और श्रृंगार सामग्री की बिक्री में भारी बढ़ोतरी देखी गई।
,Karva Chauth RaeBareli News: करवा चौथ का पर्व इस बार रायबरेली में पूरी पारंपरिक श्रद्धा, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना में सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर दिनभर भूखे-प्यासे रहकर भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना की। चांद निकलने के साथ ही सजी-धजी महिलाओं ने छलनी से अपने पति का चेहरा देखा, अर्घ्य दिया और उनके हाथों से जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण किया।
करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के अटूट प्रेम, समर्पण और एक-दूसरे के प्रति श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चांद निकलने तक बिना जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। रायबरेली शहर के मोहल्ला इंदिरा नगर, सिविल लाइंस, सलोन रोड और सतीश नगर में शाम होते ही महिलाएं सजी-धजी पारंपरिक पोशाकों में नजर आईं। किसी ने लाल बनारसी साड़ी पहनी तो किसी ने फैंसी साड़ियों में श्रृंगार किया। हाथों में मेहंदी, मांग में सिंदूर, और माथे पर बिंदी लगाए सुहागिनें अपने पतियों की दीर्घायु की प्रार्थना में लीन रहीं।
शाम को महिलाओं ने पारंपरिक रूप से पूजा की थाली सजाई। इसमें करवा (मिट्टी का घड़ा), दीपक, जल, रोली, अक्षत, चावल, फल, मिठाई और श्रृंगार का सामान रखा गया। सभी ने मिलकर करवा चौथ की कथा सुनी - जिसमें चंद्रमा के दर्शन से पहले भूखे-प्यासे रहकर व्रत रखने का महत्त्व बताया गया। कथा के बाद सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को तिलक लगाकर मंगलकामना की। जैसे ही रात करीब 8:15 बजे चांद निकला, महिलाओं में उल्लास की लहर दौड़ गई। सभी ने छलनी में दीपक रखकर पहले चांद को देखा, फिर अपने पति का चेहरा देखकर अर्घ्य अर्पित किया और पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा।
करवा चौथ से एक दिन पहले ही रायबरेली के प्रमुख बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली। सब्जी मंडी, सब्जी गंज, कैसरबाग, घंटाघर, त्रिपुला रोड और मिल एरिया के बाजारों में महिलाओं की भारी भीड़ रही। श्रृंगार प्रसाधन, साड़ियां, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, चूड़ियां, छलनी, दीये और करवा के स्टॉल पर ग्राहकों की लंबी कतारें नजर आईं। दुकानदारों के चेहरों पर भी रौनक थी क्योंकि बिक्री पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक रही।
श्रृंगार सामग्री विक्रेता लाला मनिहार ने बताया कि करवा चौथ पर इस बार बिक्री पांच गुना बढ़ गई है। चूड़ी, लिपस्टिक, नेल पॉलिश और डिजाइनर कंगन खूब बिके हैं। महिलाएं अब पारंपरिक चीजों के साथ फैशन का भी ध्यान रखती हैं। वहीं साड़ी विक्रेता सुधीर साहू ने बताया कि डिजाइनर और फैंसी साड़ियों के साथ-साथ बनारसी और बेंगलुरु सिल्क की साड़ियों की भी भारी मांग रही। महिलाएं अपने पसंदीदा रंग और स्टाइल में साड़ी चुनने के लिए घंटों तक दुकान पर रहीं।”
बाजारों में आर्टिफिशियल ज्वेलरी, मांगटीका, कंगन, बिंदी, सिंदूर और नकली बालों के क्लिप तक खूब बिके। राजकुमार रस्तोगी और प्रदीप रस्तोगी ने बताया कि कई ग्राहकों ने इस बार चांदी की छलनी और करवा ऑर्डर पर बनवाए हैं। मिट्टी के अलग-अलग डिजाइन और साइज के करवा भी इस बार नई ट्रेंड में रहे। बच्चियों के लिए “मिनी करवा सेट” भी बाजार में खूब पसंद किए गए, जिससे छोटी बच्चियों में भी उत्साह देखने को मिला।
करवा चौथ के दिन सुबह से ही महिलाओं ने पूजा की तैयारियां शुरू कर दी थीं। कई स्थानों पर सामूहिक पूजन कार्यक्रम भी हुए। रायबरेली शहर के सिविल लाइंस, विकास भवन कॉलोनी, न्यू अंबेडकर नगर, जेल रोड और लालगंज बाजार में महिलाओं ने समूह में बैठकर कथा सुनी और पारंपरिक गीत गाए। महिला मंडल की अध्यक्ष नीता अग्रवाल ने बताया कि करवा चौथ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि अपने पति के प्रति नारी के प्रेम, आस्था और समर्पण की अभिव्यक्ति है। इस दिन महिलाएं अपने मन से भगवान से सिर्फ एक ही वरदान मांगती हैं - अपने पति की दीर्घायु और खुशहाली।
शाम ढलते ही शहर की गलियों में सजी-धजी महिलाओं के समूह दिखाई देने लगे। किसी ने हाथ में करवा की थाली सजाई थी तो कोई चांद के इंतजार में छत पर टकटकी लगाए बैठी थी। सिंदूरी साड़ियों में सजी सुहागिनें जब छलनी से अपने पति का चेहरा देखतीं तो दृश्य बेहद भावुक हो जाता था। बच्चे भी अपनी माताओं के साथ उत्सव में शामिल हुए और फोटो खींचने में मशगूल रहे। कई घरों में करवा चौथ थीम पर सजावट की गई थी - मोमबत्तियां, फूल और रंगोली से पूरा माहौल उत्सवमय बना रहा।
रात करीब 8:15 बजे जब आसमान में पूर्णिमा के चांद ने झांका, तो शहर की छतों पर एक साथ शंखनाद और गीतों की गूंज सुनाई दी। महिलाओं ने थालियों में दीप रखकर पहले चंद्रमा को अर्घ्य दिया और फिर छलनी से अपने पति का चेहरा देखकर व्रत तोड़ा। कुछ महिलाओं ने पूजा के बाद परिवार के साथ भोजन किया तो कुछ ने पारंपरिक मिठाई “फेनी” और “हलवा” खाकर व्रत पूरा किया।
करवा चौथ ने न केवल घरों में खुशियां बढ़ाईं, बल्कि बाजारों की रौनक भी लौटाई। स्थानीय व्यापार मंडल के अनुसार, शहर के खुदरा बाजारों में इस त्यौहार से करीब 5 से 6 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कारोबार हुआ।साड़ियां, ज्वेलरी, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, मेहंदी और ब्यूटी पार्लर की बुकिंग ने रिकॉर्ड तोड़ा। ब्यूटी पार्लर संचालक पल्लवी गुप्ता बताती हैं कि करवा चौथ से तीन दिन पहले ही सभी स्लॉट फुल थे। इस बार महिलाओं ने पारंपरिक मेकअप के साथ कंटेम्परेरी टच भी पसंद किया।”
सोशल मीडिया पर भी करवा चौथ का क्रेज देखने लायक रहा। इंस्टाग्राम,फेसबुक और व्हाट्सएप पर “#KarwaChauth2025” और “#ChandDekha” ट्रेंड करते रहे। कई जोड़ों ने छलनी से चांद देखने वाले वीडियो साझा किए। स्थानीय फोटोग्राफरों ने भी “करवा चौथ फोटोशूट पैकेज” तैयार किया, जिसकी भारी मांग रही।